जौनपुर. यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद जौनपुर को मेडिकल कॉलेज की सौग़ात देने वाले अखिलेश यादव ने इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताया था। हाल में ही इस निर्माणधीन राजकीय मेडिकल कालेज का योगी सरकार ने नाम बदल कर उमानाथ सिंह राज्य चिकित्सा महाविद्यालय कर दिया। प्रमुख सचिव के जरिये डीएम को पत्र भेजा गया तो बदले गए नाम का लिखा बोर्ड लगा दिया गया। अब इस पर सियासत शुरू हो गई है। सपाई तो इसका दबी ज़ुबान ही विरोध कर सके, लेकिन प्रसपा नेता और किसी ज़माने में सपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संगीता यादव ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
संगीता यादव ने रविवार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि भाजपा सरकार सिर्फ नाम बदलने की नीति पर चल रही है। मेडिकल कॉलेज अखिलेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। अब उसका नाम भाजपा नेता के नाम पर करना समझ से परे हैं। नाम बदलने का औचित्य नहीं था। भाजपा के पास अपना खुद का कोई एजेंडा नहीं है। सपा सरकार के काम को अपने नाम पर किया जा रहा है। उमानाथ सिंह का जौनपुर के विकास में क्या योगदान है, यह नहीं समझ में आ रहा।
दरअसल राजकीय मेडिकल कालेज का शिलान्यास सपा सरकार के मुखिया तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2015 में किया था। तत्कालीन सरकार ने मेडिकल कालेज की अनुमानित लागत 554 करोड़ रुपये तय की थी। सरकार ने निर्माण के लिए लगभग 150 करोड़ धनराशि निर्गत करते हुए अगले दो वर्ष के भीतर ओपीडी चालू कराने का भरोसा दिलाया था। लेकिन नोट बंदी और सूबे से सपा की सरकार के चले जाने से काम की रफ्तार धीमी पड़ गई।
जहां लगभग एक हजार श्रमिक काम करते थे, धन के अभाव में उनकी संख्या घटकर 50 हो गई। श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान न होने से श्रमिक काम छोड़ते गए। जिस वजह से कई बार निर्माण कंपनियों को काम बंद करना पड़ा। सितंबर 2018 में जौनपुर शहर में आयोजित एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए हुए थे। जिनसे जिले के लोगों ने मेडिकल कालेज निर्माण कार्य ठप होने का मुद्दा उठाया।
तब योगी ने राजकीय मेडिकल कालेज निर्माण की जिम्मेदारी लेते हुए उसके नाम उमानाथ सिंह रखने की घोषणा की थी। 26 नवम्बर 2019 को राजकीय मेडिकल कालेज का नाम उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय करने का निर्देश दिया गया। लगभग एक माह पहले बाहर बोर्ड लगा दिया गया।