Home / पोस्टमार्टम / अब आ गई कोरोना संक्रमण से बचाने वाली चाय!

अब आ गई कोरोना संक्रमण से बचाने वाली चाय!

मेरठ :  कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे देश में उपचार के बजाए जादू-टोनों और ताबीज को लेकर लोग कुछ ज्यादा ही आग्रही है। यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस से बचाने के लिए ताबीज बेचने का मामला सामने आने के बाद अब मेरठ में इसके संक्रमण से बचाने वाली चाय भी आ गई है। दरअसल, जहां कोरोना वायरस से दुनिया में हाहाकार मचा है वहीं कुछ लोग इसे मार्केटिंग का ज़रिया बनाने में लगे हैं।

यहां तक कि चायवाला भी कोरोना का नाम लेकर अपनी चाय बेच रहा है। मेरठ में एक चायवाला डीएम कार्यालय पर कोरोना से बचाने वाली चाय कहकर अपनी चाय बेचता हुआ नज़र आया। इस चायवाले का कहना है कि उसकी चाय से कोरोना दूर-दूर तक नज़र नहीं आएगा। मेरठ के कलेक्ट्रेट में एक चायवाला आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। डीएम कार्यालय के बाहर चाय बेचने वाला भूरे कोरोना से बचाने वाली चाय कहकर अपनी लेमन टी बेच रहा है। चायवाला कोरोना से बचाने वाली चाय। यही आवाज़ लगाते हुआ समूचे कलेक्ट्रेट में घूमता है। चायवाले का दावा है कि उसकी चाय में लौंग, इलायची, नींबू, काली मर्च और कई अन्य पदार्थ मिलाए गए हैं। लिहाज़ा जो भी उसकी चाय पिएगा कोरोना उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।

ये चायवाला बीते कई वर्षों से कलेक्ट्रेट परिसर में घूम घूमकर अपनी चाय बेचता है। कलेक्ट्रेट परिसर में शायद ही कोई ऐसा अधिकारी हो जो भूरे चायवाले को न जानता हो और उसकी बनाई हुई चाय न पी हो। चायवाले भूरे का कहना है कि डीएम भी उनकी चाय पीकर तारीफ कर चुके हैं। आमतौर पर शांति से चाय बेचने वाला भूरे जब एका-एक कोरोना से बचाने वाली चाय की आवाज़ लगाकर चाय बेचने लगा तो शुरुआत में तो लोग थोड़ा आश्चर्य में पड़े, लेकिन जब चाय पी तो तारीफ किए बगैर न रह सके। लोग जैसे ही कोरोना का नाम सुनते ही वो इस चाय को पीने के लिए आकर्षित होते हैं।

चाय की कीमत भी मात्र दस रुपए है। लिहाज़ा लोग फौरन ही दस का नोट भूरे चायवाले को दे देते हैं। लेकिन जैसे ही मीडिया के सवालों का उसका सामना हुआ तो बेचारा डर भी गया कि कहीं उस पर कोई कार्रवाई न हो जाए। क्योंकि अभी कुछ दिन पहले ही कोरोना वाले बाबा की कहानी सामने आई थी।

Check Also

Bombay High Court के जज ने भरी अदालत में इस्तीफा क्यों दिया?

हाईकोर्ट जज ने खुली अदालत में इस्तीफे दिया *साभार प्रस्तुति* *आनन्द श्रीवास्तव, अधिवक्ता* बॉम्बे हाई ...