लखनऊ : नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा के आरोपितों के पोस्टर योगी सरकार द्वारा चौराहे पर लगाए जाने के बाद राजधानी में पोस्टर वार दिनों—दिन तेज होती जा रही है। समाजवादी पार्टी द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद और उन्नाव के बलात्कार के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर के पोस्टर लगाये जाने के बाद शनिवार को भाजपा कार्यालय के बाहर एक पोस्टर नजर आया। यह पोस्टर कांग्रेस नेताओं की ओर से लगाया गया है।
पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत विधायकों, सांसद, मंत्री के पूर्व के मुकदमों का जिक्र किया गया है। इसके साथ ही लिखा है इन दंगाइयों से वसूली कब? पोस्टर के नीचे निवेदक सुधांशु वाजपेयी, लालू कन्नौजिया भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लिखा है।
कुछ जगहों पर इस तरह की होर्डिंग भी लगाई गई है। माना जा रहा है कि इस पोस्टर को जिला प्रशासन हटवायेगा और इसे लगाने वालों के विरुद्ध मुकदमा लिखा जायेगा। इससे पहले समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता के नाम से लगाई गई होर्डिंग भी संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने हटा दी थी, जो जिला प्रशासन की होर्डिंग के पास लगाई गई थी।
इन होर्डिंग को लेकर सपा नेता आईपी सिंह ने अपने ट्वीट में कहा था कि जब प्रदर्शनकारियों की कोई गोपनीयता नहीं है और हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी योगी सरकार होर्डिंग्स को नहीं हटा रही है। इसलिए मैंने नामांकित अपराधियों के कुछ होर्डिंग्स लगाने का भी फैसला किया है, हमारी बेटियों को उनके बारे में पता होना चाहिए।
जब प्रदर्शनकारियों की कोई निजता नहीं है और उच्चन्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी योगी सरकार होर्डिंग नहीं हटा रही है तो ये लीजिए फिर। लोहिया चौराहे पर मैंने भी कुछ कोर्ट द्वारा नामित अपराधियों का पोस्टर जनहित में जारी कर दिया है, इनसे बेटियां सावधान रहें। एक अन्य ट्वीट में सिंह ने लिखा कि मेरे पोस्टर का विरोध वही करेगा जो महिला विरोधी और बलात्कारियों का समर्थन कर रहा है। सरकार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का अपमान कर संविधान विरोधी कार्य करेगी तो फिर उसके पहले बीजेपी को अपने गिरेबान में भी झांक कर देख लेना चाहिए। भाजपा महिला विरोधी है। जिला प्रशासन इन होर्डिंग्स को हटाने के बाद सतर्कता बरत रहा था, लेकिन एक बार नई होर्डिंग लगाये जाने से सियासी पारा गरमा गया है।