वॉशिंगटन : दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका कोरोना वायरस के कहर से कराह रहा है। विश्व की महाशक्ति अमेरिका कोरोना की चपेट में इस तरह आया कि यहां संसाधनों की कमी हो गई है। अमेरिका में अस्पताल के बिस्तर कम पड़ने लगे हैं, यहां पर वेंटिलेटर की कमी हो गई है। हालात से निपटने के लिए अब टेंट में ही अस्थाई इंतजाम कर कोरोना का टेस्ट किए जा रहे हैं। सेना को सहायता के लिए बुलाया गया है। आपात स्थिति से निपटने के लिए पार्कों को अस्पताल में तब्दील किया जा रहा है। बता दें कि ट्रंप के सलाहकारों ने कहा है कि कोरोना वायरस से कम से कम दो लाख लोगों की जान जा सकती है।
इसके बाद अमेरिका बेहद सतर्क है। इस समय अमेरिका में युद्ध जैसी स्थिति हैं। आनन-फानन में अस्पताल बनाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है। जगह की कमी होने की वजह से कन्वेंशन सेंटर, रेस ट्रैक और पब्लिक पार्क में अस्थायी अस्पताल बनाया जा रहा है।
अमेरिका की ऑटो कंपनियां ने इस वक्त कारों और गाड़ियों का प्रोडक्शन रोक दिया है। इसके बजाय ये कंपनियां वेंटिलेटर बना रही हैं। इसका इस्तेमाल कोरोना से ग्रस्त अमेरिकियों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा ये कंपनियां इलाज के दूसरे उपकरण बना रही हैं।
बता दें कि ऐसी नौबत युद्ध के दौरान ही आती है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगले 30 दिन बेहद महत्वपूर्ण और चुनौती भरे हैं। ट्रंप ने कहा, ‘इस जंग में हर आदमी को अपनी एक भूमिका निभानी होगी। यह हमारी साझा राष्ट्रीय ड्यूटी है। अगले 30 दिन तक बहुत चुनौतीपूर्ण समय है।