रामजन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के चलते विराजमान रामलला का स्थान परिवर्तन भले ही अनिवार्य हो गया है लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा बल्कि व्यवस्था और पुख्ता करने की तैयारी है। इसी के तहत अस्थाई मंदिर में प्रतिष्ठित होने के बाद भी रामलला गूगल मैप में अदृश्य ही रहेंगे।
5 जुलाई 2005 को रामजन्मभूमि परिसर में लश्कर-ए-तैयबा के फिदाईन दस्ते के हमले के बाद भी रामलला के गर्भगृह की लोकेशन को गूगल मैप से हटवाया गया था। रामजन्मभूमि परिसर के पुलिस अधीक्षक सुरक्षा त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था के सभी मानकों का पूरी दृढ़ता से पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गूगल मैप से जीपीएस लोकेशन हटाने के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा जाएगा।
इससे पहले रामलला के स्थान परिवर्तन के उपरांत आसपास के क्षेत्र एवं उनमें स्थित भवनों की सुरक्षा व्यवस्था की फिर से समीक्षा की जा रही है। इसके अलावा अस्थाई मंदिर के ढांचे को पुन: बुलेट प्रूफ बनाने की योजना बनाई गयी है।
मुख्यमंत्री करेंगे अस्थायी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा पूजन
रामलला अयोध्या में अस्थायी मंदिर में स्थायी भव्य मंदिर का निर्माण पूरा होने तक विराजेंगे। इस मंदिर में रामलला के विराजमान होने पर प्राण प्रतिष्ठा का पहला पूजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। कार्यक्रम 25 मार्च को प्रस्तावित है।
दर्शन अवधि दो घंटे बढ़ी
दर्शनार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रामलला विराजमान के दर्शन की अवधि दो घंटे बढ़ा दी गई है। अपर जिलाधिकारी कानून-व्यवस्था पीडी गुप्त ने बताया कि प्रथम पाली में दर्शन प्रात: सात बजे से मध्याह्न 12 बजे व द्वितीय पाली में दोपहर एक बजे से शाम 6 बजे तक होंगे। व्यवस्था दो अप्रैल (रामनवमी) तक रहेगी।