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अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही थी महिला, 100 किमी दूर से पुलिस वाले ने फरिश्ता बन बचाई जान

गोरखपुर(Uttar Pradesh ). किसी ने सच ही कहा है जाको राखे साईंयां मार सके न कोय। जी हां ये कहावत चरितार्थ हुई है सीएम योगी के पूर्व संसदीय शहर गोरखपुर में। गंभीर हालत में गोरखपुर से 100 किमी दूर जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही एक महिला की गोरखपुर में अपनी ड्यूटी निभा रहे एक पुलिस वाले ने जान बचाई है। इस पुलिस वाले ने 100 किमी दूर खून भेजकर महिला के सफल ऑपरेशन में मदद की है जिससे उसकी जान बचाई जा सकी।

बता दें कि गाजीपुर के देवरिया दुल्हनपुर निवासी 27 वर्षीय गर्भवती सरस्वती देवी का प्रसव होना था। रक्तस्राव ज्यादा होने की वजह से डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी। सरस्वती को मऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सरस्वती का ब्लड ग्रुप बी पॉजीटिव था। लेकिन पूरे मऊ में इस ब्लड ग्रुप का रक्त उपलब्ध नहीं था। काफी हांथ पांव मारने के बाद भी परिजनों को इस ग्रुप का खून नहीं मिल रहा था।

सोशल मीडिया से हुई जानकारी तो की मदद 
परिजनों में से किसी ने बी पॉजिटिव खून की आवश्यकता के लिए सोशल मीडिया पर मदद मांगी। जिसे देखते ही गोरखपुर के प्रतिष्ठित डॉक्टर शिव शंकर शाही के गनर अमरकांत ने खून देनी की इच्छा जताई। अमरकांत ने डॉ शिव शंकर शाही से बात की और खून देने के लिए इच्छा जताई। जिसके बाद गोरखपुर में सिपाही अमरकांत ने ब्लड डोनेट कर उसे 100 किमी दूर मऊ पहुंचवाया। सोशल मीडिया पर लिखे नंबरों के आधार पर अमरकांत ने अस्पताल में भर्ती सरस्वती के परिजनों से बात की और उन्हें खून उपलब्ध करवाया।

अमरकांत की इंसानियत से बची दो जिंदगियां 
यूपी पुलिस के सिपाही अमरकांत के इस कदम से दो जिंदगियां अब स्वस्थ हैं। खून मिलने के बाद सरस्वती का आपरेशन किया गया। जो कि सफल रहा। अब सरसवती और उसका बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। सरस्वती के परिजन अमरकांत को फरिश्ता बता रहे हैं।

यह खबर hindi.asianetnews.com  से लिया गया है 

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