हिंदू धर्म में होली का पर्व विशेष महत्व रखता हैं वही होली से पहले होलिका दहन की विशेष परंपरा हैं। होलिका दहन नौ मार्च को हैं होलिका दहन के मौके पर बहुत ही शुभ योग बन रहे हैं।
इस दिन गुरु और शनि एक साथ सूर्य के नक्षत्र में होंगे। चही ज्योतिष के मुताबिक 499 साल बाद गुरु और शनि एक साथ ऐसी शुभ स्थिति का निर्माण कर रहे हैं इसलिए इस बार जो लोग होलिका दहन में सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा करेंगे। तो उसकी सभी तरह की इच्छाएं पूर्ण हो जाएंगी। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और महत्व।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त—
नौ मार्च दिन सोमवार को होलिका दहन किया जाएगा।
संध्या काल में 6 बजकर 22 मिनट से 8 बजकर 49 मिनट तक
भद्रा पुंछा— सुबह 9 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 51 मिनट तक
वही बता दें कि होलिका दहन शुरू हो जाने पर वहां जाएं, आग को प्रणाम करें, भूमि पर जल डालें। इसके बाद आग में गेंहू की बालियां, गोबर के उपले, और काले तिल के दाने होलिका में डालें। वही आग की परिक्रमा कम से कम तीन बार जरूर करें। इसके बाद आग को प्रणाम करके अपनी इच्छाएं कहें।
वही होलिका की आग की राख से स्वयं का और घर के लोगों का तिलक करें। मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए इस बार होलिका की आग में काले तिल अर्पित करने से सेहत अच्छी बनी रहती हैं। बीमारियों से मुक्ति पाने के लिए हरी इलाइची और कपूर आग में अर्पित करें।
होली से पहले होलिका दहन की विशेष परंपरा हैं। होलिका दहन नौ मार्च को हैं होलिका दहन के मौके पर बहुत ही शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन गुरु और शनि एक साथ सूर्य के नक्षत्र में होंगे। ज्योतिष के मुताबिक 499 साल बाद गुरु और शनि एक साथ ऐसी शुभ स्थिति का निर्माण कर रहे हैं इसलिए इस बार जो लोग होलिका दहन में सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा करेंगे उनकी सभी इच्छाएं पूरी होंगीइस बार होलिका दहन में जरूर करें ये काम, इच्छाएं होंगी पूरी