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कनिका की तीसरी रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव, हर बार जलाए जा रहे नर्सों के पहनने वाले किट

लखनऊ (Uttar Pradesh)। पीजीआइ में भर्ती बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर के लिए अच्छी खबर नहीं हैं, क्योंकि बेबी डॉल को अभी भी कोरोना वायरस से मुक्ति नहीं मिली है। उनकी रिपोर्ट तीसरी बार भी पॉजिटिव आई है। उनमें संक्रमण का प्रकोप बना हुआ है। उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। वहीं, कनिका के वार्ड में 24 घंटे नर्स की तैनाती की गई है। ड्यूटी के समय नर्सो को जो पीपीई किट पहननी पड़ती है, उसे पहनने में ही काफी समय लगता है और ड्यूटी खत्म होने के बाद उतारने में अत्यंत सावधानी बरतनी पड़ती है, क्योंकि शरीर के किसी भी भाग से किट का बाहरी हिस्सा न छू जाए। इसके बाद पहनी हुई इस किट को एक अलग पैकेट में रखकर डिस्पोज ऑफ करने के लिए जला दिया जाता है।

पीजीआइ में भर्ती कोरोना पॉजिटिव बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर की देखभाल के लिए रोजाना 6 नर्स की ड्यूटी लगाई जा रही है। चार-चार घंटे पर नर्सो की शिफ्ट बदलती है। यानि हर समय एक नर्स तैनात रहती है।पीजीआइ में भर्ती कोरोना पॉजिटिव बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर की देखभाल के लिए रोजाना 6 नर्स की ड्यूटी लगाई जा रही है। चार-चार घंटे पर नर्सो की शिफ्ट बदलती है। यानि हर समय एक नर्स तैनात रहती है।
कनिका की देखभाल के लिए तैनात नर्सें ही उन्हें दवा खिलाती हैं और अन्य चीजों का ध्यान रखती हैं। ड्यूटी के समय नर्सो को जो पीपीई किट पहननी पड़ती है, उसे पहनने में ही काफी समय लगता है और ड्यूटी खत्म होने के बाद उतारने में अत्यंत सावधानी बरतनी पड़ती है, क्योंकि शरीर के किसी भी भाग से किट का बाहरी हिस्सा न छू जाए।कनिका की देखभाल के लिए तैनात नर्सें ही उन्हें दवा खिलाती हैं और अन्य चीजों का ध्यान रखती हैं। ड्यूटी के समय नर्सो को जो पीपीई किट पहननी पड़ती है, उसे पहनने में ही काफी समय लगता है और ड्यूटी खत्म होने के बाद उतारने में अत्यंत सावधानी बरतनी पड़ती है, क्योंकि शरीर के किसी भी भाग से किट का बाहरी हिस्सा न छू जाए।
कनिका कपूर के देखभाल के लिए तैनात नर्सों को रोजाना किट दिया जाता है। इतना ही नहीं एक बार इस को पहनने के बाद एक अलग पैकेट में रखकर डिस्पोज ऑफ करने के लिए जला दिया जाता है।कनिका कपूर के देखभाल के लिए तैनात नर्सों को रोजाना किट दिया जाता है। इतना ही नहीं एक बार इस को पहनने के बाद एक अलग पैकेट में रखकर डिस्पोज ऑफ करने के लिए जला दिया जाता है।
कनिका कपूर की हालत में सुधार है और वह अभी अपने पर्सनल कार्य खुद ही कर रही हैं। इसलिए हर समय ड्यूटी के लिए एक नर्स से काम चल रहा है, वरना अगर मरीज गंभीर स्थिति में होता है तो उसकी दैनिक क्रियाओं के लिए भी एक कर्मचारी की ड्यूटी लगानी पड़ती है।कनिका कपूर की हालत में सुधार है और वह अभी अपने पर्सनल कार्य खुद ही कर रही हैं। इसलिए हर समय ड्यूटी के लिए एक नर्स से काम चल रहा है, वरना अगर मरीज गंभीर स्थिति में होता है तो उसकी दैनिक क्रियाओं के लिए भी एक कर्मचारी की ड्यूटी लगानी पड़ती है।
कोरोना वार्ड में लगे कर्मचारियों को घर जाने की अनुमति नहीं है। शिफ्ट खत्म होने के बाद वह संस्थान परिसर में बने विश्राम स्थल पर ही रहते हैं। वहीं खाने पीने का भी इंतजाम है।कोरोना वार्ड में लगे कर्मचारियों को घर जाने की अनुमति नहीं है। शिफ्ट खत्म होने के बाद वह संस्थान परिसर में बने विश्राम स्थल पर ही रहते हैं। वहीं खाने पीने का भी इंतजाम है।

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