न्यूयॉर्क : ताजा शोध में खुलासा हुआ है कि कैफीन ध्यान केंद्रित करने और समस्याओं के समाधान की क्षमता को बढ़ाता है,लेकिन इससे रचनात्मकता में कोई वृद्धि नहीं होती है। इससे सजगता में वृद्धि होती है, किसी विषय पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है,शारीरिक गतिशीलता में सुधार आता है। कैफीन के कई संज्ञानात्मक लाभ हैं। हालांकि इस उत्तेजक का प्रभाव रचनात्मकता पर कितना है,इसके बारे में अभी ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।
अमेरिका के अरकंसास विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत शोधकर्ता डार्या जबेलिना ने कहा, “पश्चिमी सभ्यता में, रचनात्मक पेशों व जीवनशैली के साथ कैफीन स्वाभाविक रूप से जुड़ा हुआ है, लेखकों व उनकी कॉफी से लेकर प्रोग्रामर्स व उनकी एनर्जी ड्रिंक तक, सच्चाई से बढ़कर पूर्वाग्रहों के चलते ऐसा ज्यादा है।” शोधकर्ताओं ने ‘भटके हुए ध्यान’ से ‘एक केंद्राभिमुख’ ध्यान का अंतर किया। इसे एक समस्या के विशेष समाधान के रूप में परिभाषित किया गया, उदाहरण के तौर पर, ‘सही’ जवाब।
अब विचारों की उत्पत्ति पर गौर फरमाया गया, जहां एक बड़े पैमाने पर सही, मजेदार व उचित प्रतिक्रियाएं उपयुक्त थीं। शोध में कैफीन को ‘एक केंद्राभिमुख’ ध्यान में सुधार लाते देखा गया, अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि इसके सेवन के दौरान ध्यान का भटकाव नहीं हुआ।शोधकर्ता के मुताबिक,”200एमजी कैफीन की गोली के सेवन का समस्याओं के समाधान की क्षमता पर अच्छा प्रभाव देखा गया, लेकिन रचनात्मक सोच पर यह बेअसर दिखा, तो अपनी कॉफी आप लेते रहें, इसका आपकी क्षमताओं से कोई लेना-देना नहीं है।”
अध्ययन के लिए, 80 लोगों के एक समूह को या तो 200एमजी कैफीन की एक गोली दी गई या इतने की ही एक कप स्ट्रॉन्ग कॉफी या प्लेसबो दी गई। इसके बाद, मानक उपायों के आधार पर इनके ध्यान, कम करने की क्षमता और मूड का परीक्षण किया गया। रचनात्मकता पर जब इसका निष्कर्ष देखा गया, तब दिमाग पर इसका कुछ प्रभाव देखने को नहीं मिला, ऐसा पाया गया कि जिन लोगों ने कैफीन का सेवन किया, वे कम दुखी दिखाई पड़े।