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कोरोना धर्म और जाति नहीं देखता, चुनौती से निपटने के लिए एकता-भाईचारा जरूरी: पीएम मोदी

नई दिल्ली. कोविड-19 (COVID-19) के जवाब में एकता और भातृत्व का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को कहा है कि अपनी चपेट में हमले से पहले कोरोना वायरस (Coronavirus) जाति, धर्म या सीमाएं (boarders) नहीं देखता है.

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के एक ट्वीट में कहा गया, कोविड-19 (COVID-19) हमले से पहले जाति, धर्म, रंग, समुदाय, भाषा और सीमाएं नहीं देखता है. इसलिए हमारी प्रतिक्रिया और आचरण में एकता और भाईचारे (brotherhood) को तवज्जो दी जानी चाहिए. हम इसमें एक साथ हैं: पीएम नरेन्द्र मोदी.”

“हम एक समान चुनौती का कर रहे सामना, भविष्य साथ रहने और प्रतिरोध दिखाने का”
पीएम मोदी का बयान एक मुस्लिम धर्मसभा (Muslim Congregation) के बाद भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में उछाल के बाद आया है. इस घटना ने इस्लामोफोबिक मोड़ (Islamophobic Turn) ले लिया था.

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि इतिहास (History) में पूर्व के क्षणों से अलग, जब देशों या समाजों ने एक-दूसरे का सामना किया, “उससे अलग आज हम एक समान चुनौती का सामना कर रहे हैं. भविष्य साथ रहने और प्रतिरोध दिखाने का होगा.”

“कोविड-19 के दौर के बाद दुनिया में बड़े सप्लाई तंत्र के तौर पर उभर सकता भारत”
पीएम मोदी ने इस मौके पर यह कहकर कि कोविड-19 ने जो अवसर पैदा किया है उसे लपकें, देश की ऊर्जा को अधिक उत्पादक कामों (More Productive Tasks) की ओर मोड़ने की कोशिश की थी.

उन्होंने कहा था, “कोविड-19 के बाद की दुनिया में भारत, भौतिक और आभासी (Physical and Virtual) चीजों के सही मिश्रण के साथ दुनिया में जटिल आधुनिक बहुराष्ट्रीय सप्लाई तंत्र के तौर पर उभर सकता है.”

पीएम मोदी का एक एकजुटता का संदेश ऐसे समय आया है जब भारत में कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़कर 15 हजार से ज्यादा हो चुकी है. इसके अलावा देश में मौतों का आंकड़ा भी 500 से ज्यादा हो चुका है. और पिछले कुछ दिनों में नए संक्रमण (New Infections) सामने आने की दर में कमी आई है.

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