कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में 50 से ज्यादा लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी है। पाबंदी के बावजूद शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के खिलाफ लगभग तीन महीने से प्रदर्शन कर रहीं सैकड़ों महिलाएं धरना स्थल से उठने को तैयार नहीं हैं। धरना खत्म कराने के लिए डीसीपी प्रदर्शकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
बैठक के बाबत पूछे जाने पर जॉइंट कमिश्नर डीसी श्रीवास्तव ने सोमवार देर शाम न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया, ‘डीसीपी आरपी मीणा और इलाके के थाना इंचार्ज लगातार प्रदर्शनकरियों के साथ बैठक कर रहे हैं। हमने पहले भी प्रदर्शकारियों को समझाया है कि सड़क बंद रहने से जनता को भी दिक्कत हो रही है और अब कोरोना वायरस एक गंभीर मुद्दा है। हमारी तरफ से उन लोगों से अपील की जा रही है।’
जॉइंट कमिश्नर से जब पूछा गया कि अगर प्रदर्शकारी महिलाएं फिर भी नहीं हटीं, तो क्या कोई कानूनी कार्रवाई होगी? तो जवाब में उन्होंने कहा कि हम अपील कर रहे हैं, फिर देखेंगे आगे क्या करना है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जब पूछा गया था कि अगर 50 से ज्यादा लोग प्रदर्शन करते हैं तो क्या उनपर कोई कार्रवाई भी होगी? इस पर उन्होंने कहा कि एपिडेमिक एक्ट के तहत डीएम और एसडीएम के पास पावर है, जो भी जरूरी कार्रवाई करने की जरूरत होगी, वे करेंगे।
कोरोना वायरस को लेकर दिल्ली में आप आदमी पार्टी की अरविंद केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि सभी तरह की सभाएं जिसमें 50 से ज्यादा लोग शामिल हैं उनकी मंजूरी नहीं दी जाएगी। शादी को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रदर्शन को मंजूरी नहीं मिलेगी और यह शाहीन बाग पर भी लागू होगा। दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद पिछले 93 दिनों से चल रहा शाहीन बाग प्रदर्शन खत्म हो जाएगा।