कोरोना के कारण वाराणसी का प्रसिद्ध संकटमोचन मंदिर भी शनिवार की सुबह से आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया। इसके बाद भी काफी संख्या में लोग पहुंचे और मुख्य गेट पर ही माला फूल चढ़ाने के साथ हनुमान को नमन किया। कुछ लोगों ने गेट के बाहर सड़क पर ही हनुमान चालीसा का भी पाठ किया। हर शनिवार आने वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर ही शुक्रवार शाम मंदिर के महंत विश्वम्भर नाथ ने मंदिर के कपाट आम लोगों के लिए बंद करने का फैसला लिया था।
शहर के दक्षिणी भाग में स्थित संकटमोचन मंदिर वाराणसी ही नहीं देश विदेश के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। काफी संख्या ऐसे लोगों की भी है जो हर शनिवार और मंगलवार यहां आते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जब वाराणसी से चुनाव लड़ने का फैसला किया था, सबसे पहले यहीं आकर आशीर्वाद लिया था। फिलहाल मंदिर को 25 मार्च तक के लिए बंद किया गया है। महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र का कहना है कि अगला हफ्ता बहुत ही संवेदनशील है। शनिवार औऱ मंगलवार को भारी भीड़ होती है। उस दौरान एक-एक व्यक्ति की स्क्रीनिंग संभव नहीं है। छोटी सी चूक भारी पड़ सकती है। भक्तगण के साथ पूरा शहर और देश सुरक्षित हो इसलिए कोई रिस्क नहीं लिया जा सकता है। मंदिर के पुजारी पूजन करते रहेंगे। आम दर्शनार्थी नहीं आ सकेंगे। बुधवार 25 तारीख तक स्थित ठीक रही तो आगे के लिए फैसला लिया जाएगा। महंत जी ने लोगों से अपील की कि जितना संभव हो अपने घरों में रहें।
मंदिर बंद करने से पहले लगातार सैनिटाइज भी किया जा रहा था। दीवारों से लेकर फर्श तक पर केमिकल से सफाई हो रही थी। दर्शनार्थियों को भी सेनेटाइज से हाथ साफ करने के बाद ही प्रवेश मिल रहा था।
काशी विश्वनाथ समेत अन्य मंदिर भी बंद
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए संकटमोचन के साथ ही काशी विश्वनाथ, अन्नपूर्णा, मार्कण्डेय महादेव समेत सभी प्रमुख मंदिरों में आम दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। विश्वनाथ मंदिर में शुक्रवार की रात सप्तऋषि आरती के बाद पाबंदी लागू कर दी गई। प्रतिबंध के कारण मंगला समेत सभी आरती के टिकटों की बिक्री भी बंद कर दी गई है। फिलहाल 24 मार्च तक के लिए यह प्रतिबंध लगाया जा रहा है। इस दौरान मंदिर में केवल पुजारी ही पूजा पाठ के लिए जा सकेंगे। इससे पहले मंगलवार को मंदिर प्रशासन ने गर्भ गृह में दर्शनार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित किया था। फिलहाल 31 मार्च तक गर्भ गृह में प्रवेश पर पाबंदी पहले से लगी है। प्रतिबंध के बाद से यहां आने वाले श्रद्धालु बाहर से ही ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर रहे थे।