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कोरोना: बुखार-खांसी ही नहीं गंध-स्वाद का अहसास न होना भी संक्रमण के लक्षण

कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को लेकर एक और खौफनाक दावा सामने आया है। डॉक्टरों का कहना है कि गंध और स्वाद का अहसास न होना भी कोरोना वायरस के संक्रमण का एक लक्षण हो सकता है। डॉक्टरों ने इस समस्या का सामना करने वाले लोगों को भी सेल्फ आइसोलेट करने की सख्त जरूरत है।

डॉक्टरों का मानना है कि संक्रमण के संभावित मरीजों की पहचान के लिए यह भी एक सुराग हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि स्वाद और गंध नहीं समझ पाने या अहसास खो देने वाले लोगों को खुद को तत्काल प्रभाव से अलग-थलग कर लेना चाहिए। उन्हें जांच भी करवानी चाहिए भले ही उनमें पास कोई अन्य लक्षण न हों।

मरीजों ने बताए एनोस्मिया के अनुभव : 
दक्षिण कोरिया में 30 प्रतिशत यानी 2,000 रोगियों ने ऐसे अनुभव बताए हैं। ऐसे लोगों में वायरस के संचरण की एक उच्च दर चीन, इटली और ईरान में भी रिपोर्ट की गई है, जिसके परिणामस्वरूप वहां कई मौतें हुई हैं। डॉक्टरों के अनुसार, एक मां जो कोरोना वायरस से संक्रमित थी उसे बच्चों के डायपर की गंध नहीं आ रही थी। वहीं, एक रसोइया जो आमतौर पर हर डिश में से मसाले को पहचान सकते हैं, वह कढ़ी या लहसुन और भोजन का स्वाद नहीं महसूस कर पा रहा था। कुछ का कहना है कि वे शैंपू की खुशबू या कूड़े की दुर्गंध आदि महसूस नहीं कर पा रहे थे। डॉक्टर इसको एनोस्मिया कहते हैं। अन्य देशों की रिपोर्टों में भी कोरोनो वायरस रोगियों की बड़ी संख्या ने एनोस्मिया का अनुभव किया।

ब्रिटेन में शुरू हुआ विस्तृत अध्ययन : 
ब्रिटिश राइनोलॉजिकल सोसायटी के अध्यक्ष प्रोफेसर क्लेयर हॉपकिंस ने बताया कि शुक्रवार को, ब्रिटिश कान, नाक और गले के डॉक्टरों ने दुनियाभर के सहयोगियों की रिपोर्टों का हवाला देते हुए इस पर विस्तृत अध्ययन शुरू कर दिया है। डॉक्टरों ने शुक्रवार को उन वयस्कों को सात दिनों के आइसोलेशन के लिए बुलाया, जो अपनी इंद्रियों से गंध और स्वाद को खो चुके हैं, भले ही उनमें संक्रमण के कोई अन्य लक्षण न हों। हालांकि, अभी इसकी प्रमाणिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई हो लेकिन डॉक्टर संक्रमण के फैलाव को लेकर चिंतित हैं। साथ ही प्रसार को धीमा करने के लिए आइसोलेशन कर क्वारंटाइन के लिए चेतावनी दे रहे हैं।

अमेरिका में भी देखे गए ऐसे लक्षण : 
अमेरिकन एकेडमी ऑफ ओटोलर्यनोलोजी (ईएनटी विज्ञान) ने रविवार को अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी कि संकेत मिलता है कि गंध की कमी या स्वाद की कमी संक्रमण से जुड़े अहम लक्षण हैं और यह उन रोगियों में देखे गए हैं जिनमें कोरोना परीक्षण सकारात्मक पाए गए हैं। उस दौरान उनमें अन्य लक्षण नहीं थे।

इटली में इसी से बढ़े मामले : 
इटली में वायरस से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला है कि स्वाद और गंध का अहसास खोना एक संकेत है जो एक स्वस्थ व्यक्ति को वास्तव में वायरस के संक्रमण की और ले जा रहा है और इसे दूसरों तक फैला सकता है। वहीं, ब्रसेशिया के मुख्य अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर मार्को मेट्रा ने कहा, अस्पताल में भर्ती होने वाले लगभग हर व्यक्ति की यही कहानी है।

ब्रिटेन के संक्रमित ईएनटी डॉक्टरों की हालात गंभीर : 
प्रोफेसर हॉपकिंस ने कहा कि ब्रिटेन में दो कान, नाक और गले के विशेषज्ञ जो कोरोनो वायरस से संक्रमित पाए गए थे, वे गंभीर स्थिति में हैं। हॉपकिंस ने कहा कि चीन के वुहान की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि कान, नाक और गले के विशेषज्ञ के साथ-साथ नेत्र चिकित्सक भी संक्रमित थे और बड़ी संख्या में मर रहे थे।

स्वास्थ्य कर्मियों से सावधानी की अपील : 
ईएनटी, यूके के अध्यक्ष निर्मल कुमार ने बताया कि ब्रिटेन में कान, नाक और गले के डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह ने एक संयुक्त बयान जारी कर ईएनटी स्वास्थ्य कर्मियों से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने का आग्रह किया है। विशेष तौर पर जब वे किसी भी ऐसे मरीज का इलाज करते हैं, जो गंध और स्वाद के अहसास को खो चुके हैं।

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