लॉकडाउन के चलते मोपेड पर पत्नी व दो बच्चों के साथ दिल्ली से सिद्धार्थनगर के लिए निकले युवक की अचानक तबीयत बिगड़ी और बाद में मौत हो गई। विनोद तिवारी (32 वर्ष) दिल्ली की नवीन विहार कॉलोनी में अपनी पत्नी व दो बच्चों के किराए के मकान में रहता था। जहां पर बिस्कुट व कुरकुरे आदि सामान की सेल्समैनी करके अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था। वह पिछले तीन साल से मुंह में कैंसर से पीड़ित है और उपचार चल रहा था।
लॉकडाउन के बाद काम बंद होने से आय का साधन समाप्त हुआ तो विनोद तिवारी शुक्रवार की देर रात्रि पत्नी व दो बच्चों को मोपेड पर बिठाकर घर के लिए चल दिया। सुबह 10 बजे के लगभग वह सिकंदराराऊ (अलीगढ़) जीटी रोड पर नगर पालिका के समीप पहुंचा तभी विनोद की तबीयत बिगड़ गई। मोपेड रोकते ही वह जमीन पर गिर पड़ा। उसके साथ दूसरी मोपेड पर सवार भाई ने उपचार के लिए एंबुलेंस को फोन लगाया।
आरोप है कि एंबुलेंस की मदद एक घंटे तक नहीं मिली और विनोद ने दम तोड़ दिया। सूचना पर पहुंचे कोतवाली प्रभारी प्रवेश राणा ने शव को निजी वाहन से सीएचसी भिजवाया। इसके बाद भी विनोद के शव को सिद्धार्थनगर तक पहुंचाने में प्रशासन से मदद नहीं मिल सकी। ऐसे में धनाभाव में शव चार घंटे तक सीएचसी पर रखा रहा।
समाज सेवियों ने बढ़ाए हाथ, शव मृतक के घर भेजा
मामले की जानकारी मिलने पर कस्बा के समाज सेवी जयप्रकाश गुप्ता एडवोकेट के साथ आगे आए और 15 हजार रुपये एकत्रित करके एक मेटाडोर में शव को रखवाया और पत्नी व भाइयों को बिठाकर सिद्धार्थ नगर के लिये रवाना किया।
पत्नी ने लगाई गुहार सर हमको साथ जाने दो
मेटाडोर से जब शव को घर भेजा जा रहा था तभी एसडीएम विजय शर्मा व सीओ डॉ. राजीव कुमार पहुंचे और मेटाडोर में आधा दर्जन लोगों को साथ जाने पर मना करने लगे। इस पर मृतक की पत्नी ने गुहार लगाते हुए कहा हम सब लोगों को एक साथ जाने दो नहीं तो परिजन मोपेड पर जाते समय रास्ते में मर जायेगे। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने उन्हें एक साथ जाने दिया।