रमजान को लेकर दारुल उलूम की ओर से फतवा जारी किया गया है। फतवे में कहा गया है कि कोरोना वायरस से बचाव को सरकार द्वारा देश भर में लगाए गए लॉकडाउन के चलते माह-ए-रमजान की इबादतों को अपने घरों में रहकर ही करें। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन का पालन भी किया जाए।
रविवार को दारुल उलूम देवबंद से जारी फतवे में कहा गया कि इसी माह के अंतिम सप्ताह में आरंभ होने वाले रमजान के महीने में भी कोविड-19 से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने हिदायत जारी की हैं। इसके चलते माह-ए-रमजान में पढ़ी जाने वाली विशेष तरावीह की नमाज भी अन्य नमाजों की तरह मस्जिद और घरों में अदा की जाएं। मुफ्ती-ए-कराम ने अपने फतवे में कहा है कि घरों में जमात की व्यवस्था न होने पर अकेले-अकेले भी तरावीह की नमाज अदा की जा सकती है। साथ ही घरों में रहकर कुरआन-ए-करीम की तिलावत और तौबा व अस्तफार करते हुए देश व दुनिया में अमन-चैन और खुशहाली की दुआ भी की जाए। फतवे में रमजान के चांद, रोजा व तरावीह के मसलों पर विस्तार से बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि ईदुल फितर की नमाज के संबंध में दारुल उलूम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए माह-ए-रमजान के अंतिम सप्ताह में निर्णय लेगा। जिसकी सूचना समय पर दिए जाने को कहा गया है।
दारुल उलूम के 200 से ज्यादा छात्र किए गए क्वारंटाइन
दारूल उलूम के 200 से अधिक छात्रों को क्वारंटाइन किया गया है। सभी के सैंपल लेकर कोरोना की जांच कराई जाएगी। एक छात्र के जौनपुर में कोरोना के पॉजिटिव आने के बाद यह फैसला लिया गया। पुलिस ने अलग-अलग थाना क्षेत्रों के निवासी 233 छात्रों की सूची जारी की है। सभी 20 मार्च के बाद दारूल उलूम देवबंद से अपने-अपने घरों को चले गए थे। हाल ही में जौनपुर निवासी दारूल उलूम के छात्र के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। छात्र 28 मार्च को देवबंद से जौनपुर गया था। जांच रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद जौनपुर से लेकर सहारनपुर तक खलबली मच गई थी। जिसके बाद देवबंद दारूल उलूम से ऐसे छात्रों की सूची तैयार की गई जो 20 मार्च के बाद अपने घरों को चले गए थे। सहारनपुर जिले के 233 छात्र भी इसमें शामिल हैं।