कोरोना लॉकडाउन की वजह से चेन्नई में फंसा त्रिपुरा के गोमती जिले का एक परिवार 3213 किलोमीटर का सफर एंबुलेंस से तय कर रविवार को घर पहुंचा, मगर किसी से मिले बिना ही क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया गया। चंचल मजुमदार अपनी पत्नी आशिमा के साथ चेन्नई के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के लिए गए थे, मगर लॉकडाउन की वजह से वह एंबुलेंस से यात्रा कर रविवार की शाम घर पहुंचे। घर पहुंचते ही उन्हें क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
बताया जा रहा है कि यह परिवार उदयपुर शहर के रहने वाला है और 8 मई को बेटी की शादी होने वाली है, इसी वजह से उन्होंने लॉकडाउन में घर पहुंचने का फैसला किया। चंचल मजुमदार ने कहा ‘मैं अपनी पत्नी के इलाज के लिए अपोलो अस्पताल गया था। जब हमें वहां से छुट्टी मिलने वाली थी, तभी लॉकडाउन का ऐलान हो गया। हमारे लिए वहां रहना काफी महंगा था। इसके अलावा, हमारी बेटी की शादी 8 मई को तय है। इस वजह से हमें आना पड़ा।’ बता दें कि मजूमदार खेल और युवा मामलों के विभाग के एक सेवानिवृत्त उप निदेशक हैं।
उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय और त्रिपुरा के अलग-अलग चेक प्वाइंट्स पर उन्होंने अस्पताल के कागजात दिखाए। उन्होंने कहा, हमने अस्पताल से ही एक एंबुलेंस बुक किया। उस एंबुलेंस में हमारे साथ त्रिपुरा के ही एक और मरीज और उनके परिजन साथ थे।
गोमती जिले के डीएम तरुण कांति देबनाथ ने कहा कि जैसे ही मजूमदार अपनी पत्नी के साथ घर आए, उन्हें तुरंत क्वारंटाइन सेंटर भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि क्योंकि उन्होंने जोखिम भरे माहौल में कई राज्यों को पार किया, इसलिए हमने उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया है। वे घर आने के बाद न तो अपनी बेटी से मिल पाए और न ही किसी अन्य परिजन से।
बता दें कि त्रिपुरा में अब तक कोरोना वायरस के दो ही मामले सामने आए हैं। एक का जहां अस्पताल में इलाज चल रहा है, वहीं एक इससे ठीक हो चुका है।