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कोरोना वायरस की वजह से इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट पर लगे प्रतिबंध से कंपनियों की हालत खराब

भोपाल :  कोरोना वायरस की वजह से सरकार ने इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट पर जो प्रतिबंध लगाया है, उसकी वजह से एक माह में कंपनियों को करीब 800 करोड़ रूपए का फटका लगा है। अकेले पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की फार्मा सहित ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री को एक माह में ही 500 करोड़ रुपए का फटका लगा है। उद्योगपतियों का कहना है कि यदि प्रतिबंध नहीं हटाया गया तो यह नुकसान हजारों करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।

जानकारी के अनुसार, हर साल 5 हजार करोड़ रुपए एक्सपोर्ट करने वाले उद्योगों को सांप सुंघ गया है। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की फार्मा और ऑटोमोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री कोरोना वायरस की चपेट में है। गौरतलब है कि पीथमपुर इंडस्ट्री से हर महीने करोड़ों रुपए का इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट बाहर देशों से किया जाता है, मगर केंद्र सरकार द्वारा 26 दवाइयों सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल के पाट्र्स के आयात-निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की वजह से एक महीने में ही पांच सौ करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। जबकि हर साल यहां के उद्योग सरकार को पांच हजार करोड़ रुपए की विदेशी मुद्र्रा कमाकर देते हैं, मगर इस बार कोरोना वायरस के चलते फार्मा इंडस्ट्री को करारा झटका लगा है।

एक्सपोर्ट में 40 प्रतिशत गिरावट
अकेले पीथमपुर के स्पेशल इकोनॉमिकल जोन (एसईजेड) में लगभग पचास कम्पनियों के प्लांट हैं। यहां पर बनने वाली दवाइयों सहित सभी उत्पाद एक्सपोर्ट किए जाते हैं, जिससे सरकार के खजाने में करोड़ों रुपए की विदेशी मुद्रा आती है। पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते लगाए गए प्रतिबंध के कारण एक्सपोर्ट में लगभग 40 प्रतिशत गिरावट आई है। इस वजह से उद्योगों को करोड़ों रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है। उद्योगपतियों का कहना है कि इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट के बिजनेस में दो-दो, तीन-तीन महीने पहले ऑर्डर मिलते हैं, जिन्हें बनाने में ही दो से तीन माह का समय लगता है।

कोरोना वायरस के अटैक के पहले ही पीथमपुर इंडस्ट्री के उद्योगों को जो आर्डर मिले थे, वे सब तैयार हो चुके हैं। एक्सपोर्ट नहीं होने के कारण गोडाउन में पड़े हैं। उद्योगपतियों का कहना है कि प्रतिबंध लगाने के पहले अधिकारियों को तारीख तय करना थी कि इस तारीख के बाद कोई नया आर्डर नहीं लिया जाएगा, मगर अधिकारियों ने अचानक प्रतिबंध लगा दिया। इससे पहले से ही टायर उद्योग और टेक्सटाइल्स में आर्थिक मंदी झेल रहे उद्योगों को नुकसान उठाना पड़ृ रहा है।

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