लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करे दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा की गई थी। यूपी सरकार ने इन उपद्रवियों के होर्डिंग लखनऊ के चौराहों पर लगाए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों के आरोपियों की तुलना कोरोना वायरस से की है।
योगी ने सोमवार को कहा कि सबको मालूम है कि कोरोना वायरस दुश्मन है, लेकिन मानवता का दूसरा दुश्मन भी है, जो मानवीय चेहरा लगाकर खड़ा है।
जो निहित स्वार्थों के लिए आगजनी-तोड़फोड़ कर मानवीय मूल्यों पर प्रहार करता है। जब इनके अनैतिक कृत्य रोको तो ये कालनेमि के रूप में दूसरा चेहरे के साथ प्रस्तुत हो जाते हैं। कोरोना और पोस्टर वाले चेहरे दोनों समाज के लिए खतरनाक हैं।
एक कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पोस्टर के चेहरों को देखिए। एनजीओ के नाम पर, अन्य संगठनों के नाम पर जो चेहरे देखने-पढ़ने में मानवता के बड़े हितैषी लगते हैं, वे क्या कर रहे हैं। इनकी वास्तविक कारगुजारी देखेंगे तो पता चलेगा कि ये मानवता के सबसे बड़े दुश्मन हैं। जनता को वास्तविक दुश्मनों को पहचानना जरूरी है, ताकि वे इनसे बच सकें।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आरोपियों के पोस्टर लगाकर सरकार ने न किसी की छवि धूमिल की है, न निजता का उल्लंघन किया है। इनके चेहरे मीडिया में तोड़-फोड़ करते, हिंसा फैलाते पहले ही आ चुके हैं। इनकी जान को कोई खतरा नहीं है, बल्कि ये खुद समाज की जान के लिए खतरा हैं। इसके खिलाफ पुख्ता प्रमाण हैं। संपत्ति जब्त करने संबंधी अध्यादेश पर सीएम ने कहा कि इसे 2009 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और 2011 के शासनादेश के क्रम में लाया गया है। योगी आदित्यनाथ ने फिर दोहराया कि सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की गोली से कोई नहीं मरा। वे दंगाई थे और खुद अपनी ही गोली से मरे।