कोरोना संकट के चलते हुए लॉकडाउन में इन दिनों सबसे ज्यादा बुजुर्ग परेशान हैं। परिवार में अकेलापन, बाहर न निकलने की हिदायत, कोरोना संक्रमण की आशंका से ग्रस्त बुजुर्गों के सवालों की इन दिनों हेल्पेज इंण्डया की हेल्पलाइन -1800-180-1253 पर भरमार है।
समाज कल्याण और महिला कल्याण विभाग के सहयोग से बुजुर्गों के लिए काम करने वाली इस संस्था के निदेशक अशोक कुमार सिंह ने बताया कि सामान्य दिनों में संस्था की हेल्पलाइन पर महज कुछ दर्जन फोन काल्स प्रतिदिन आती थीं। मगर इन दिनों यह संख्या बढ़कर 400 से 500 फोन काल्स रोजाना की हो गई है। ज्यादातर बुजुर्ग अपनी बीमारी, तनाव, अवसाद का इलाज पूछते हैं, कुछ ऐसे भी होते हैं जिनको दवा या कुछ अन्य वस्तुओं, सेवाओं की जरूरत होती है। संस्था की ओर से बीमार और अकेले रहने वाले बुजुर्गों को वीडियो काल्स के जरिये चिकित्सकीय परामर्श दिलाया जाता है। साथ ही कोरोना संक्रमण की आशंका, अवसाद, तनाव के बाबत उनकी काउंसिलिंग भी की जा रही है। बचाव के उपाय भी बताए जा रहे हैं।
इसके साथ ही कुछ जिलों में जहां संस्था की मोबाइल वैन हैं, वहां ऐसे जरूरतमंद बुजुर्गों को दवा व अन्य सुविधाएं भी पहुंचाई जा रही हैं। यह जिले हैं रामपुर, अम्बेडकरनगर, सोनभद्र, आगरा, मथुरा, कानपुर और अमरोहा। अशोक कुमार सिंह ने बताया कि अगले दो दिनों में ऐसे जरूरतमंद बुजुर्गों को सर्वाइवल किट भी वितरित की जाएंगी। ऐसी एक किट में 10 किलो आटा, 5 किलो चावल, 2 किलो दाल, एक किलो नमक, एक किलो सरसों का तेल, मास्क, मसाले, मंजन, साबुन आदि होगा।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में इस वक्त सरकारी और गैर सरकारी करीब 200 वृद्धाश्रम संचालित हैं। प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक वृद्धाश्रम समाज कल्याण विभाग की ओर से और बाकी अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से चलाए जा रहे हैं। इन वृद्धाश्रमों में इस वक्त करीब 10 से 11 हजार बुजुर्ग रह रहे हैं। इसके अलावा संस्था की पहल पर कोलोनियों, मोहल्लों में वरिष्ठ नागरिक क्लब भी बनाए गए हैं। इन दिनों लाकडाउन के कारण इन क्लबों में बुजुर्गों की जुटान तो नहीं हो पा रही है। मगर यह मोबाईल फोन पर व्हाटसएप ग्रुप से जरूर जुड़े हुए हैं।