बीजिंग/ जेनेवा/ नयी दिल्ली :विश्व के अधिकांश (अब तक 185) देशों में फैल चुके कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ का प्रकोप थमने का नाम नहीं लेे रहा है और अब तक इस खतरनाक वायरस से 18,589 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब 4,14,884 लोग इससे संक्रमित हुए हैं।
भारत में भी कोरोना वायरस का संक्रमण फैलता जा रहा है और देश अब तक इससे संक्रमितों की संख्या बढ़कर 519 हो गयी है। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से कुल 10 लोगों की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि देश में कोरोना के 519 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जिनमें से 476 मरीज भारतीय हैं जबकि 43 विदेशी नागरिक हैं।
कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है और लेकिन अभी तक इससे सबसे गंभीर रूप से प्रभावित चीन के लिए राहत की बात यह है कि वुहान में पिछले तीन दिन से कोई मामला सामने नहीं आया है। इस वायरस को लेकर तैयार की गयी एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में हुई मौत के 80 प्रतिशत मामले 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के थे। चीन में 81,218 लोगों की कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और करीब 3,281 लोगों की इस वायरस के चपेट में आने के बाद मौत हो चुकी है।
पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना को लेकर सबसे गंभीर स्थिति इटली से सामने आयी है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से बुरी तरह प्रभावित इटली में इसके संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 6820 हो गयी है।
इटली के नागरिक सुरक्षा विभाग के प्रमुख एंजेलो बोरेली ने मंगलवार को टेलीविजन पर एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना वायरस से 743 लोगों की मौत हुई है। इटली में कोरोना संक्रमण के 5249 नए मामले सामने आए हैं जिससे संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 69176 हो गयी है।
स्पेन में इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 2808 हो गयी है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक स्पेन में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 39,885 हो गयी है।
चीन के अलावा कोरोना वायरस ने इटली, ईरान, अमेरिका और दक्षिण कोरिया समेत विश्व के कई और देशों काे अपनी गिरफ्त में ले लिया है। इसके संक्रमण के आधे से अधिक मामले अब चीन के बाहर के हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपाेर्ट के अनुसार चीन के बाद इटली में इस जानलेवा वायरस ने व्यापक स्तर पर अपने पैर पसार लिये हैं और यहां कोरोना से मरने वाली की संख्या चीन से करीब दोगुना हो चुकी है। विश्व के कुछ अन्य देशों में भी स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है।