अम्बेडकरनगर(Uttar Pradesh ). कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरा देश लॉकडाउन है। 21 दिन के लिए 15 अप्रैल तक पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में लोगो को साफ हिदायत दी गई है कि वह अपने घरों से न निकलें। कोरोना से चल रही इस जंग में रोज नई तस्वीरें और नए आइडिया जो लोगों के द्वारा यूज किए जा रहे हैं सामने आ रहे हैं। अम्बेडकरनगर में एक ग्राम प्रधान ने अपने गांव वाले रास्ते को बंद करवा दिया। यही नहीं वहां दो लठैत भी तैनात कर दिए। किसी को भी गांव में आने या फिर गांव से बाहर जाने की परमीशन नहीं है।
बता दें कि कोरोना वायरस से चल रही इस जंग में आम जनता भी काफी हद तक सहयोग कर रही है। कुछ स्थानों को छोड़ दिया जाए तो बाकि स्थानों पर इस लॉकडाउन का समर्थन किया जा रहा है। यूपी के अम्बेडकरनगर जिले की टांडा तहसील के बिहरई ग्राम पंचायत के प्रधान ने गांव में अघोषित कर्फ्यू लगा दिया है। गांव वासियों के साथ मिलकर प्रधान ने सभी रास्तों को बांस-बल्ली लगाकर सील कर दिया है। सभी रास्तों पर पोस्टर लगाकर दोस्तों से लेकर रिश्तेदारों तक का गांव में आना प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सभी रास्तों में लगवाया पोस्टर किसी का अंदर आना मना
बिहरई के ग्राम प्रधान आलोक वर्मा ने गांव से बाहर जाने वाले रास्तों को बांस-बल्ली के सहारे सील करवा दिया है। वहां पर दो लठैतों की भी तैनाती कर दी गई है। यही नहीं उन्होंने सभी रास्तों पर पोस्टर लगवा दिए हैं। इन पोस्टर में साफ हिदायत है कि गांव में दोस्तों व रिश्तेदारों का भी आना पूर्ण वर्जित है। गांव के लोगों का भी बाहर जाना मना है।
ग्रामीण बोले-जिंदगी रही तो दोस्तों रिश्तेदारों से फिर होगी मुलाकात
गांव का रास्ता बंद होने के मामले में ग्रामीण भी एकजुट हैं। उनका साफ़ कहना है जान है तो जहान है। ग्रामीणों का कहना है कि जिदंगी रही तो दोस्तों व रिश्तेदारों से आगे भी मुलाकातें होंगी। लेकिन अभी पूरे देश को इकट्ठा होकर इस लड़ाई में शामिल होना है।
गांव में जरूरत की सभी वस्तुओं को पहुंचाने का हो रहा प्रयास
ग्राम प्रधान आलोक वर्मा के मुताबिक ग्रामीणों के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई गई है, लेकिन उनकी जरूरत का सामान उनसे वार्ता कर उनके घर पर ही पहुंचाया जा रहा है। गांव को सैनिटाइज करने पर भी काम किया जा रहा है। चूने के साथ ही ब्लीचिंग का भी छिड़काव लगातार कराया जा रहा है।