हावर्ड : एक रिसर्च में सामने आया है कि संभव है कोरोना तापमान बढ़ने के साथ और तेजी के साथ फैल जाए। हावर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबिक कोरोना के फैलाव में तापमान एक मात्र कारण नहीं है। ऐसा नहीं माना जा सकता कि गर्मी बढ़ने के साथ कोरोना के संक्रमण में कमी आ जाएगी। रिसर्च के मुताबिक कोरोना वायरस गर्मी के मौसम कैसा व्यवहार करता है, ये जानने के लिए अभी इंतजार करना होगा। रिसर्च में सलाह दी गई है कि कोरोना को लेकर गर्म देशों को भी पूरे एहतियात लागू करने चाहिए। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक्सक्यूटिव डायरेक्टर माइक रायन ने भी आगाह किया था कि हमें सिर्फ मौसम के सहारे नहीं रहना है।
उन्होंने कहा था कि ये एक वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी है और हम इस भुलावे में नहीं रह सकते कि गर्मी का मौसम इसे समाप्त कर देगा।
माइक के मुताबिक सभी देशों को अभी ये मानकर ही काम करना होगा कि कोरोना गर्मी के मौसम में भी वैसे ही फैलेगा जैसे दिसंबर, जनवरी या फरवरी में फैला है।कोरोना को लेकर दुनियाभर में रिसर्च चल रही है। सबसे ज्यादा तेजी के साथ इस पर काम चीन में हो रहा है। चीन के ग्वांग्झू स्थित सन याट-सेन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस बात को लेकर रिसर्च की है कि मौसम बदलने के साथ कोरोना का रिएक्शन कैसा होगा।
रिसर्च कहती है रि कोरोना के फैलाव में तापमान का अहम रोल है। रिसर्च के मुताबिक संभव है किसी निश्चित तापमान पर कोरोना संक्रमण के सबसे तेजी से फैलने का खतरा हो।
हालांकि रिसर्च में ये नहीं बताया गया है कि कितने तापमान पर कोरोना सबसे तेजी के साथ फैलेगा। रिसर्च का कहना है कि ये वायरस तापमान के लिए बेहद संवेदनशील है और गर्म देशों में इसके तेजी से फैलने के आसार कम हैं। वहीं जिन देशों में सर्दी ज्यादा पड़ती है वहां पर इसका संक्रमण ज्यादा तेजी के साथ फैल सकता है। कोरोना वायरस के केस अब तक 100 देशों में मिल चुके हैं। अब तक इससे 109,600 लोग दुनियाभर में ग्रस्त हो चुके हैं जबकि करीब 3800 लोग जान गंवा चुके हैं।
भारत में अब तक कोरोना के 39 कन्फर्म केस पाए गए हैं। अभी तक रोग के 60 हजार लोग स्वस्थ भी हो चुके हैं। बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर लोगों के बीच आम धारणा फैल रही है कि गर्मी बढ़ने के साथ इस वायरस का प्रकोप भी कम होता चला जाएगा। सोशल मीडिया पर ऐसे कई पोस्ट वायरल हो रहे हैं जिसमें इस तरह के क्लेम किए जा रहे हैं।