रामपुर(Uttar pradesh ). सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यूपी के रामपुर में नवाब खानदान की कोठी खासबाग के निरीक्षण में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सालों से बंद नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम खाली मिला है। जिस खजाने के लिए स्ट्रांग रूम को गैस कटर से काटा गया वह खजाना यहां से गायब मिला। कोठी का निरीक्षण करने वाली टीम यह देखकर आवाक रह गई।
उप्र के रामपुर स्थित नवाब मिक्की मियां खानदान की कोठी खासबाग की सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सर्वे किया जा रहा है। सर्वे कर रही टीम को कोठी के निरीक्षण के दौरान नवाब खानदान का स्ट्रांग रूम मिला। उन्हें बताया गया कि इसमें नवाब खानदान का बेशकीमती खजाना है।
टीम ने जब उस स्ट्रांग रूम को खोलना चाहा तो उसकी चाभी गुम होने के कारण उसे खोला नहीं जा सका। जिसके बाद गैस कटर से उसे काटना पड़ा। लेकिन जब कटर से काटने के बाद स्ट्रांग रूम खुला तो उसमे कोई खजाना नहीं था। पूर्व मंत्री काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने बताया कि खजाने का न होना संदिग्ध है। इस स्ट्रांग रूम में रखे बेशकीमती जेवरात व ताज भी नहीं मिला है। यहां 1980 में चोरी भी हुई थी। उसके बाद से यह स्ट्रांग रूम बंद था।
बम गिरने पर भी नहीं होगा स्ट्रांग रूम को नुकसान
नवाब खानदान की बहू नूरबानो के मुताबिक 1930 में उनके ससुर नवाब रजा अली खां के पिता नवाब हामिद अली खां ने कोठी खासबाग का निर्माण कराया था, तभी ये स्ट्रांग रूम बना था। नूरबानो का दावा है कि स्ट्रांग रूम पर यदि बम बरसाए जाएं, तब भी इस पर कोई असर नहीं होगा। इस दीवार में 16-16 मिलीमीटर धातु की तीन परतें है। कुछ दिन पहले टीम ने स्ट्रांग रूम को खोलने की कोशिश के थी लेकिन उस समय ये कटर से भी नहीं कटा था। जिसके बाद काम रोक दिया गया था और काटने के दौरान मिले मिश्रण एवं लोहे के महीन टुकड़ों को जांच के लिए गुरुग्राम भेजा गया था ताकि पता चल सके कि इसमें कौन–कौन सी धातु मिली हैं।
12 किलोमीटर में है खासबाग का क्षेत्रफल
रामपुर में खासबाग 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसी के बीच में कोठी खाबाग बनी है। आलीशान कोठी को इस तरह बनाया गया कि भीषण गर्मी में भी पूरी तरह ठंडी रहे, यहां के आसपास तापमान भी पांच डिग्री कम रहता है। कोठी यूरोपीय इस्लामी शैली में बनी है। यहां के बड़े-बड़े हाल बर्माटीक और बेल्जियम ग्लास के झूमरों से सजाए गए हैं।
कोठी में नवाब का आफिस, सिनेमा हाल, सेंट्रल हाल व संगीत हाल भी बनाया गया। कोठी में ढाई सौ कमरे सहित कई बड़े हाल हैं। कोसी नदी किनारे बनी इस कोठी के चारों ओर बाग हैं, जिसमें एक लाख से ज्यादा पेड़ लगे हैं। सेंट्रल हाल में बेशकीमती पेंटिंग लगी हैं।इसकी सीढिय़ां इटेलियन संगमरमर से बनी हैं।