कोरोना वायरस ने ऐसा महामारी का रूप लिया है दुनियाभर में इस वक्त लॉक डॉन जैसी स्थिति बनी हुई है। अब तक हजारों लोग इसकी चपटे में चुके हैं और कई लोगों की जानें जा चुकी है। ऐसे में चीन की तरफ से इसकी दवा को लेकर बड़ा दावा किया गया है। जापान के मीडिया ने गुरूवार को कहा कि चीन के मेडिकल अथॉरिटीज ने यह दावा किया है कि जापान में इन्फ्लूएंजा में इस्तेमाल होनेवाली दवा काफी फायदेमंद साबित हुई है।
चीन के विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारी झांग जिनमिन ने कहा- फुजीफिल्म की अधीनस्थ कंपनी की तरफ से बनाई गई फेवीपिरावीर का वुहान और शेनझांग में क्लीनिकल ट्रायल के दौरान 340 मरीजों पर काफी कारगर नतीजा देखने को मिला। झांग ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा- “यह सुरक्षित और इलाज में काफी प्रभावकाली साबित हुआ है।”
पब्लिक ब्रॉडकास्टर एनएचके ने बताया कि जो कोरोना के मरीज पॉजिटीव पाए गए थे उन्हें शेनझांग में यह दवा देने के चार दिन बाद वायरस की रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
अमेरिका ने दी कोरोना के इलाज में एंटी मलेरिया दवा को मंजूरी
कोरोना वायरस से दुनियाभर में लगातार हो रही मौत और हजारों नए केस आने के बाद जहां स्थिति भयावह बनी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका की तरफ से मलेरिया के खिलाफ इस्तेमाल होने वाली दवा को इसके इलाज में कारगर होने का दावा किया गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मलेरिया और अर्थराइटिस में इस्तेमाल होनेवाली दवा कोरोना वायरस के इलाज में बेहतर साबित हुई है।राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरूवार को कहा कि उनके प्रशासन की तरफ से गठित कोरोन वायरस टास्क फोर्स कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए एंटी मलेरिया ड्रग को मंजूरी दी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस टास्क फोर्स की ब्रीफिंग के दौरान कहा- मलेरिया और अर्थराइटिस में लंबे समये से इस्तेमाल होने वाली दवा है। ड्रोक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) जो डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर कोरोना वायरस के मरीजों के लिए ‘फौरन उपलब्ध’ कराई जाएगी। एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, अमेरिका ने कोरोना वायरस से अब तक 7,701 मरीज और 118 मौत की पुष्टि की है।
एफडीए के प्रमुख स्टीफन हेन ने कहा कि एजेंसी को राष्ट्रपति की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि क्या क्लोरोक्वीन के इस्तेमाल को बढ़ाया जा सकता है, इस पर करीबी नजर रखे। उन्होंने चेताया कि क्लोरोक्वीन के प्रभाव की जानकारी जुटाने के लिए बड़े और तथ्यात्मक क्लीनकल ट्रायल की आवश्यकता है।