अहमदाबाद : मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनता कर्फ्यू की अपील का समर्थन करने के लिए नागरिकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुजरात की जनता ने ‘जनता कर्फ्यू’ नहीं वरन जनता के लिए ‘केयर फॉर यू’ के भाव को ही सफल बनाया है। रूपाणी ने कहा कि कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर राज्य सरकार ने नागरिकों की सलामती के लिए अनेक निर्णय किए हैं।
सोमवार से तीन दिनों तक अर्थात 23 से 25 मार्च तक अहमदाबाद, गांघीनगर, सूरत, वडोदरा, राजकोट और कच्छ जैसे महानगरों में दवाई, चिकित्सा उपकरण, सब्जी-भाजी, किराना जैसी जीवन आवश्यक चीज वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को छोड़कर अन्य सभी दुकाने और मॉल बंद रखने का निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि दूध, सब्जी-बाजी, फल इत्यादि, किराना-प्रोविजन स्टोर्स तथा मेडिकल स्टोर्स, दवाखाना, अस्पताल, लैबोरेटरी, मेडिकल उपकरणों की उत्पादक कंपनी, फार्मेसी और स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं चालू होने के कारण घबराकर थोक में खरीदी न करें और वस्तुओं का संग्रह भी न करें।
मुख्यमंत्री ने नागरिकों से फिर एक बार अपील की है कि जनता कर्फ्यू का समय सुबह 7 से रात 9 बजे तक का ही है, इसके बावजूद नागरिक स्वयं को स्वस्थ्य रखने और कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सतर्कता के रूप में रात 9 बजे के बाद भी घर से बाहर निकलना टालें, जब तक कि ऐसा करना अति आवश्यक न हो। मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए विशेष ध्यान रखने की राज्य के सभी नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि इस वायरस के संक्रमण में हम अब दूसरे से तीसरे चरण की ओर बढ़ रहे हैं।
अब तक गुजरात में कोरोना वायरस के जितने भी मामले दर्ज हुए हैं, वे सभी विदेश से वापस लौटे गुजराती बंधुओं के ही पाए गए हैं। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि गुजरात में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए आने वाले एक सप्ताह के दौरान राज्य के सभी नागरिकों को संयम रखते हुए आकस्मिक कार्य के सिवाय घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। इस वायरस का संक्रमण व्यक्तिगत संपर्क से फैलता है। इसके मद्देनजर मुख्मयंत्री ने सभी नागरिकों से सामाजिक अंतर (सोशन डिस्टेंस) बनाए रखने तथा जो लोग विदेश से लौटे हैं उनसे सेल्फ क्वारंटाइन होने की अपील भी की है।
रूपाणी ने कहा कि राजकोट, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत में अलग से सेल्फ क्वारंटाइन, क्वारंटाइन सेंटर और विशेषकर राज्य में कोरोना पॉजिटिव मामलों के लिए इंफेक्शन आइसोलेशन हॉस्पिटल भी शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और शहरी प्राधिकरण द्वारा 631 क्वारंटाइन होम तैयार किए गए हैं। वहीं, विभिन्न जिलों में 4,271 सेल्फ होम क्वारंटाइन तैयार किए गए हैं। इन स्थलों पर विदेश से लौटे लोगों या उनके संपर्क में आए लोगों को रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि वायरस का संक्रमण 60-65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को जल्दी लगने के कारण उन्हें अतिरिक्त ध्यान रखना चाहिए और घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। यदि कोई नागरिक संक्रमित है और सेल्फ क्वारंटाइन की सतर्कता नहीं रखता तो कैसा गंभीर नतीजा आता है उसकी मिसाल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गांधीनगर का एक युवा दुबई से वापस लौटा था और कोरोना वायरस से संक्रमित था। उस युवा ने सेल्फ क्वारंटाइन नहीं, सोशल डिस्टेंस नहीं रखा और दुर्भाग्य से उनके परिवार की 80 वर्षीय दादी को कोरोना का संक्रमण लग गया और अब वह अस्पताल में हैं।
विजय रुपाणी ने कहा कि आज रात से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी बंद हो रही हैं और विदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। ऐसे देशों से गुजरात लौटने वाले नागरिकों को भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) के दिशा-निर्देशों के अनुसार सेल्फ क्वारंटाइन या क्वारंटाइन सेंटर में जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने क्वारंटाइन को लेकर भी सतर्कता रखने की शुरूआत कर दी है और क्वारंटाइन का उल्लंघन करने वाले नागरिकों के खिलाफ कानूनी कदम भी उठाए जा रहे हैं। मोरबी में एक व्यक्ति द्वारा क्वारंटाइन होम छोड़कर जाने पर सरकार ने उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने का यह समय है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति को क्वारंटाइन से घबराने की नहीं बल्कि सहयोग देने की जरूरत है। कोरोना से बचने के लिए हम सभी अनुशासित होकर क्वारंटाइन प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे वक्त में नागरिकों को अन्य लोगों के प्रति संवेदना बरतते हुए एक-दूसरे को सहायक होने की भावना के साथ और सहयोग देते हुए राष्ट्रसेवा करनी चाहिए। शहर सलामत तो गुजरात सलामत, उस नजरिये से गुजरात के चारों शहरों के लोगों से आगामी तीन दिनों तक सहयोग देने की अपील मुख्यमंत्री ने की है।