नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के सभी दलों से केंद्र शासित प्रदेश के बाहर जेलों में रखे गए सभी लोगों को ‘मानवीय’ आधार पर वापस लाने के लिए केंद्र सरकार पर एकजुट होकर दबाव बनाने की अपील की। शुक्रवार को रिहा होने के बाद अपने पहले बयान में वर्तमान लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘इससे पहले कि राजनीति हमें विभाजित करे, मैं राज्य के सभी दलों के नेताओं से अपील करता हूं कि केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर के बाहर जेलों में रखे गए सभी लोगों को वापस लाने के लिए एकजुट हो कर आह्वान करें।’
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री, 82 वर्षीय अब्दुल्ला ने कहा, ‘जबकि, हम उन सभी को जल्द से जल्द रिहा देखना चाहते हैं, उन सभी को जम्मू-कश्मीर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। यह एक मानवीय मांग है और मुझे आशा है कि अन्य लोग इस मांग को भारत सरकार के सामने रखने में मेरा साथ देंगे।”
Farooq Abdullah, National Conference: Before we allow politics to divide us I appeal to all political leaders here to unite behind the call to the union government to bring back all detainees from J&K in prisons outside, pending their release. (file pic) pic.twitter.com/9GqQ7BUj50
— ANI (@ANI) March 15, 2020
फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने आगे कहा कि मैं पूरी तरह से मानता हूं कि सैकड़ों कश्मीरी परिवारों की तुलना में मैं कहीं अधिक भाग्यशाली रहा हूं। मुझे घर पर नजरबंद कर दिया गया था और मेरे परिवार की मुझसे मिलने की इजाजत थी। कल जब मैं अपने बेटे उमर से मिलने गया, तो उसे देखने के लिए मुझे अपने घर से एक किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ी।
बता दें कि शनिवार को फारूख अब्दुल्ला ने बीते सात महीने से हिरासत में रखे गए अपने बेटे उमर अब्दुल्ला से श्रीनगर की उप जेल में मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेता भावुक नजर आए। पूर्व मुख्य मंत्री फारूख जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत अपनी हिरासत खत्म होने के बाद शुक्रवार अपने आवास से नजदीक में ही हरि निवास पहुंचे जहां उनके बेटे तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पीएसए के तहत पांच फरवरी से नजरबंद करके रखा गया है। इस दौरान दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगा लिया।