दिल्ली दंगा पर लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में भी गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। गृह मंत्री ने दिल्ली दंगा के दौरान आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा के हत्या के आरोपी ताहिर हुसैन के बहाने अरविंद केजरीवाल पर तंज कसा।
उन्होंने कहा कि 27 फरवरी को अरविंद केजरीवाल ने मिलिट्री बुलाने की मांग की थी। घटना के तीन दिन बीत चुके थे। इसका कोई अर्थ नहीं रह गया था, लेकिन मैं उनकी भावनाओं को समझ सकता हूं। केजरीवाल के काउंसलर के घेर से ढेर सारी चीजें पकड़ी गई थी। उनको सस्पेंड करना पड़ा।
Amit Shah: Delhi CM Kejriwal ji ne 27th ko kaha ki military bula lijiye. Iska koi arth nahi tha kyunki tab tak dange shaant ho chuke the. Par unke emotion ko main samaj sakta hun kyunki unke councillor ke ghar se dher saari chiize pakdi gai, unko suspend karna pada. pic.twitter.com/zPrsn5wzgo
— ANI (@ANI) March 12, 2020
राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उनकी ऐसी कोई मंशा नहीं थी कि दिल्ली दंगा को लेकर सदन की चर्चा से भागें। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र इस स्टेज पर आज पहुंचा है, जहां कोई चाहकर भी कुछ नहीं छुपा सकता है। अमित शाह ने कहा कि कहीं दंगा और न हो जाए, दंगाईयों को पकड़ा जाए और समुचित इलाज हो इसलिए हमने सदन में चर्चा को लेकर थोड़ा वक्त मांगा था।
साइंटिफिक तरीके से हुई गिरफ्तारी
अमित शाह ने कहा कि जब यह पूछा गया कि जिस वक्त दंगे हो रहे थे तो आपने क्या किया? जवाब में उन्होंने कहा कि इस केस में 700 एफआईआर दर्ज कर ली गई है। 2,647 गिरफ्तारी हुई है। सभी गिरफ्तारी साइंटिफिक तरीके से की जा रही है।
उन्होंने कहा कि 1922 चेहरों की पहचान कर ली गई है। 24 फरवरी को ही उत्तर प्रदेश की सीमा को सील कर दिया गया था। लोकतांत्रिक देश में दो देशों की सीमा की तरह दो राज्यों की सीमा को सील नहीं किया जा सकता है।