निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा मिलते ही तिहाड़ जेल के बाहर अलग ही नजारा देखने को मिला। इस दौरान तिहाड़ के बाहर एकत्रित स्थानीय लोग निर्भया जिंदाबाद के नारे लगाते नजर आए। इसके साथ ही उन्होंने दोषियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील को खूब कोसा।
जैसे ही फांसी की खबर सामने आई, तिहाड़ जेल के गेट नंबर तीन के बाहर इकट्ठा हुई भीड़ ने ‘निर्भया जिंदाबाद, ए. पी. सिंह मुदार्बाद’ जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए। इस दौरान लोग जश्न में डूबे नजर आए और उन्होंने मिठाई बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया। यहां तक कि कोरोनावायरस का प्रकोप भी निर्भया के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए जेल परिसर के बाहर बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा करने से रोक नहीं सका।
2650 दिन बाद निर्भया को मिला इंसाफ, चारों दोषी फांसी के फंदे पर झूले
दिल्ली के हरि नगर निवासी रवींद्र सिंह बख्शी ने कहा, “कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए मेरी पत्नी ने मुझे बाहर नहीं निकलने की सलाह दी, लेकिन मैं अपनी खुशी थाम न सका। क्योंकि मेरी बहन को न्याय दिया जा रहा है।”
कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने 20 से अधिक लोगों के एकजुट होने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसके बावजूद तिहाड़ के बाहर लोगों की भीड़ एकत्रित हुई और वह निर्भया के प्रति अपनी श्रद्धांजलि प्रकट करते नजर आए। कोई भी अप्रिय घटना न हो, इसके लिए सुरक्षाकर्मियों ने जेल परिसर के आसपास व्यवस्था चाक-चौबंद कर रखी थी।
गौरतलब है कि सात साल तीन महीने बाद राष्ट्रीय राजधानी में एक चलती बस में 23 वषीर्य छात्रा (निर्भया) के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के चार दोषियों को आखिरकार फांसी दे दी गई। दुष्कर्म करने के बाद मामले में शामिल छह दोषी छात्रा और उसके मित्र को सड़क किनारे छोड़कर चले गए थे। बाद में छात्रा ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था।
मामले के एक दोषी राम सिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली थी और दूसरे दोषी नाबालिग को बाल सुधार गृह में भेजा गया था। वहीं अन्य चार को आज शुक्रवार को फांसी दे दी गई है।