रायपुर. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हुक्का बारों पर पूर्णत: प्रतिबंधन लगाने के लिए अलग से कानून बनाने की बात हुई है। अब तक कानून नहीं बनने के कारण राजधानी में अब भी 200 से ज्यादा हुक्का बार खुलेआम चल रहे हैं। बीते एक सप्ताह से प्री होली पार्टियों का आयोजन हो रहा है।
जिसमें खुलेआम हुक्का और शराब कैफे संचालक परोस रहे हैं। इतना ही नहीं, इसका खुला विज्ञापन सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहे हैं। रायपुर में बड़ा एजुकेशनल हब बन रहा है पर 10 वीं से कॉलेज तक के छात्र-छात्राएं हुक्का बारों में देर रात तक नशा कर रहे हैं। सरकारी नियंत्रण नहीं है। रोक न लगी तो युवा पीढ़ी का नशे की गिरफ्त से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है।
अब भी सिर्फ कोटपा के तहत ही कार्रवाई
अब भी छत्तीसगढ़ में कोटपा अधिनियम 2003 के तहत कार्रवाई की जा रही है। जनवरी में पुलिस की दस अलग-अलग टीम ने एक साथ 30 हुक्का बार में छापा मारा था। देर रात तक चली इस कार्रवाई में 15 नाबालिग और छात्र हुक्का गुडग़ुड़ाते मिले थे। कोतवाली और तेलीबांधा पुलिस थाने से 55 पुलिस कर्मियों के साथ राजेंद्रनगर, डीडीनगर, पंडरी, कोतवाली, तेलीबांधा थाना प्रभारी ने एक साथ शहर के 30 हुक्का बार में दबिश दी थी। पुलिस की टीम को मौके पर नाबालिग, छात्र हुक्का पीते हुए मिले थे। वहीं ग्राहकों को शराब और बीयर भी परोसा जा रहा था।
एसएसपी की चेतावनी
रायपुर के एसएसपी आरिफ शेख ने तमाम थानेदारों को चेतावनी दी है कि उनके इलाके में हुक्काबार का संचालन पाया गया तो वे लाइन अटैच कर दिए जाएंगे। सरकार के इस फैसले के बाद कई हुक्का बार में पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए बाहर हुक्का बंद होने की हवा फैला दी है। लेकिन भीतर हुक्का बार का संचालन बे-रोकटोक जारी है। कई हुक्का बार ने अपने पुराने नाम को हटाकर नया नाम रख लिया है।