नई दिल्ली : देश भर में लगे लॉकडाउन का असर राजधानी दिल्ली की मंडियों में नहीं दिख रहा है। बताया जा रहा है कि सामाजिक दूरी बनाए बिना लोग खरीदारी कर रहे हैं। इस तरह की लापरवाही का खामियाजा लोगों को उठाना पड़ सकता है। आजादपुर फ्रूट एंड वेजिटेबल वर्कर्स यूनियन के महासचिव हरवीर सिंह का कहना है कि मंडी में एक भी मरीज कोरोना का शिकार हुआ तो महामारी को कोई नहीं रोक सकता। बेहतर साफ-सफाई नहीं होने की वजह से भी बीमारी का खतरा है।
मजदूर भी महामारी से डरे हुए हैं। कुछ व्यापारियों का संगठन सब्जी मंडी को बंद करने के पक्ष में भी दलील दे रहे हैं। आजादपुर मंडी के सदस्य व कारोबारी अनिल मल्होत्रा का कहना है कि मंडी में काम करने वाले मजदूर व आढ़ती खौफ में है। लोगों में भय है कि अगर कोरोना वायरस का संक्रमण मंडी में फैल गया तो क्या होगा। सप्ताह में 3 दिन ही खोलने की भी मांग की है। व्यापारी मंडी प्रशासन पर भी कोरोना वायरस के बचाव के लिए इंतजाम नहीं करने का आरोप मढ़ रहे है।
– सब्जियों की आवक में कमी नहीं
दरअसल लॉकडाउन के एलान के बाद लोगों ने जमकर खाद्य पदार्थों की खरीदारी कर ली है। इसमें मुख्य रूप से दाल, राजमा, काला चना, सोयाबीन, सूजी, दलिया समेत कई खाद्य पदार्थ शामिल हैं। अधिकतर लोग आलू-प्याज से ही काम चला रहे हैं। मंडियों में मांग के अनुसार सब्जियों की आवक में कमी नहीं है। हालांकि खरीदार कम हैं और थोक व्यापार मंदा है। फिर भी खुदरा बाजार में सब्जियां काफी महंगी बिक रही है।