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दिल की बीमारी और बढ़ता वजन, दोनों घटाती है दाल मखनी

नई दिल्ली :  मूंगफली, मटर की तरह उड़द भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इनमें सेहत के लिए जरूरी विटमिन्स, प्रोटीन और खनिज होते हैं। उड़द की फलियां भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। इन्हें अलग-अलग जगह अलग-अलग तरीके से खाया जाता है। उड़द को टर्टल बीन्स और ब्लैक होल बीन्स के नाम से भी जाना जाता है। उड़द हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करती है। उड़द में आयरन, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज,कॉपर और जिंक जैसे सेहत के लिए बेहद जरूरी तत्व प्रचुरता में पाए जाते हैं। मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम हमारी हड्डियों को मजबूती देने का काम करता है। जबकि जिंक हमारी हड्डियों का स्ट्रक्चर मेंटेन करने का काम करता है।

एक मोटे अनुमान के अनुसार हमारे शरीर का 99 प्रतिशत कैल्शियम, 60 प्रतिशत मैग्नीशियम और 80 प्रतिशत फॉस्फोरस हमारी हड्डियों में जमा होता है। हड्डियां पूरे शरीर का भार उठा सकें और मजबूत बनी रहें, इसके लिए इन सभी तत्वों की सप्लाई बॉडी में होते रहना बहुत जरूरी है। इसके लिए सबसे आसान तरीका है कि आप उदड़ सहित अन्य दालों का भी सेवन करें। दालमखनी अक्सर खाएं।

यूनाइटेड स्टेट फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी एफडीए के अनुसार, हमें हर दिन 2 हजार कैलरीज की जरूरत होती है। इस हिसाब से हमारी डायट में कम से कम 25 ग्राम फाइबर हर दिन होना चाहिए। एक कप उड़द बीन्स या 172 ग्राम बनी हुई बीन्स में 15 ग्राम फाइबर होता है। कई अलग-अलग स्टडीज में यह बात साबित हो चुकी है कि टाइप-1 डायबीटीज वाले लोग जो हाई फाइबर डायट लेते हैं, उनमें ब्लड ग्लूकोज लेवल कम होता है। जबकि जो लोग डायबीटीज टाइप-2 से ग्रसित होते हैं और हाई फाइबर डायट लेते हैं, उनमें ब्लड शुगर, लिपिड और इंसूलिन लेवल बेहतर हो सकता है। उड़द में फाइबर अच्छी मात्रा में होते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ब्लैक होल बीन्स और उड़द खाने से कॉलेस्ट्रॉल लेवल कम रहता है।

क्योंकि उड़द बीन्स में विटमिन बी-6, फोलेट, पोटैशियम और फाइबर होते हैं, जो सभी हर्ट को हेल्दी रखने के काम करते हैं और ब्लड में कॉलेस्ट्रॉल का स्तर घटाते हैं। इससे दिल की बीमारियां होने का खतरा कई गुना घट जाता है।
आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन आपकी पसंदीदा दालमखनी आपको कैंसर जैसी घातक बीमारी से दूर रखने का काम करती है। इसके साथ पहली शर्त यह है कि आपका लाइफस्टाइल हेल्दी होना चाहिए। उड़द कैंसर से बचाने में इसलिए मददगार है, क्योंकि इसमें सेलेनियम नाम का मिनरल पाया जाता है, जो ज्यादार फलों और सब्जियों में नहीं होता है। उड़द में पाया जानेवाला सेलेनियम लिवर एंजाइम फंक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शरीर में कैंसर पैदा करनेवाले यौगिकों को डिटॉक्सिफाई यानी शरीर से बाहर निकालने का काम करता है। यह शरीर में सूजन नहीं बढ़ने देता और ट्यूमर बनानेवाली ग्रंथियों को डेवलप नहीं होने देता।

ब्लैक होल बीन्स यानी उड़द में फाइबर काफी अच्छी मात्रा में होता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, एक कटोरी उड़द में करीब 7.5 ग्राम फाइबर होता है। इसी खूबी के कारण यह कब्ज की समस्या को पेट से दूर रखता है। साथ ही पाचन तंत्र को दुरुस्त करने का काम करता है।

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