नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने महत्वपूर्ण पहल करते हुए एयर ट्रैफिक कंट्रोलर, विमान के रखरखाव कर्मी और ग्राउंड स्टाफ का ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया है। इसके जरिये शराब पीकर नौकरी करने की प्रवृत्ति पर रोक लगाना है। अभी केवल पायलट और चालक दल के सदस्यों का ही यह पता लगाने के लिए टेस्ट किया जाता है कि वह शराब के नशे में हैं या नहीं।
दरअसल संवेदनशील विमान सेवा में नशे के प्रभाव में होने वाली दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए डीजीसीए ने यह पहल की है। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे एक बड़ा कदम बताया है। इस जांच के दायरे में उन सभी कर्मियों को लाया जाएगा जो विमान संचालन के काम से जुड़े हैं।
मसौदे के मुताबिक शराब के नशे में होने की जांच एटीसी, विमान को उड़ान भरने की इजाजत देने वालों, रखरखाव कर्मी और एयरोड्रम का संचालन करने वाले सभी कर्मचारियों पर लागू होगी। विमानन नियामक ने इस प्रस्ताव पर 5 सितंबर तक जनता से सुझाव मांगा है।