निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में दोषी अक्षय सिंह की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अक्षय ने दिल्ली की अदालत में याचिका दाखिल कर फांसी की सजा पर रोक की मांग की है। इस याचिका में अक्षय ने कहा है कि उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है इसलिए सजा पर रोक लगे।
कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं कोर्ट के बाह दोषी अक्षय सिंह की पत्नी का हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। अक्षय की पत्नी कोर्ट के बाहर बेहोश हो गई।
Delhi: Punita Devi, wife of Akshay (a convict in the 2012 Delhi gang-rape case) who has filed a divorce petition in a Bihar court, appeared to have a nervous breakdown and fainted outside Patiala House Court complex, earlier today. pic.twitter.com/DTDBKCd8oB
— ANI (@ANI) March 19, 2020
निर्भया: दोषियों का कानूनी राहत पाने का कोई रास्ता नहीं बचा
दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि निर्भया मामले में कानूनी राहत पाने के लिए चारों दोषियों की किसी भी अदालत ने कोई याचिका लंबित नहीं है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा को सरकारी अभियोजक ने बताया कि दोषी अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका पर सुनवाई किए बिना उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पहली दया याचिका पर सुनवाई की गई थी और यह अब सुनवाई के योग्य नहीं है।
मामले के चारों दोषियों में से तीन ने उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग करते हुए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया था और कहा था उनमें से एक की दूसरी दया याचिका अब भी लंबित है।
गौरतलब है कि पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था। चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी।
निर्भया के दोषी विनय शर्मा की मां की बेटे के लिए ‘पूड़ी, सब्जी, कचौड़ी खिलाने की अंतिम इच्छा
दोषी विनय शर्मा की मां ने कहा कि अब अपने बेटे के लिए उसकी आखिरी इच्छा उसे उसकी मनपसंद ”पूड़ी, सब्जी, कचौड़ी खिलाना है। अपना नाम बताने से इनकार करने वाली तथा सिर्फ विनय शर्मा की मां के नाम से पहचानने की इच्छा रखने वाली महिला और निराश हो गई है। महिला ने दक्षिण दिल्ली के रविदास कैम्प में अपने घर के बाहर कहा कि आप कौन हैं? क्या चाहते हैं? अंदर कोई भी नहीं है। मेरे पति काम पर गए हैं। मैं विनय की मां हूं। तंग गलियों, जर्जर झुग्गियों तथा खुले सीवर के बीच यह मलिन कॉलोनी अपराध के छह दोषियों में से चार का घर है। और इन्हीं तंग गलियों में कहीं अंदर जाकर विनय शर्मा का घर है।
घर की नेमप्लेट पर हरी राम शर्मा का नाम लिखा है और बाहर 50 साल, लेकिन अपनी उम्र से कहीं अधिक बूढ़ी दिख रही महिला कपड़े धो रही है। उसने बरसते हुए कहा कि क्या लिखोगे तुम? कुछ होता है तुम्हारे लिखने से? क्या अभी तक तुम्हारे लिखने से कुछ हुआ? अगर भगवान चाहेगा तो वह बच जाएगा। उसने कहा कि सब भगवान की मर्जी है। कोरोना वायरस को देखो। भगवान है जो हर चीज तय करता है कि कौन जीएगा और कौन मरेगा। इंसान के वश की बात नहीं है। न आप और न ही उनके। महिला ने पूछा, ”तिहाड़ में जेल कर्मियों ने कभी मुझे खाना या कुछ और नहीं ले जाने दिया। लेकिन अगर वे अनुमति देंगे तो मैं उसके लिए कुछ ‘पूड़ी, सब्जी और कचौड़ी ले जाना चाहूंगी। उसने कहा कि वह आखिरी बार अपने बेटे से जेल में जल्द ही मिलने जाएगी।