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निर्भया के गांव में आज मनाई जा रही है होली, दादा बोले – सात साल बाद आया है त्यौहार मनाने का अवसर

बलिया(Uttar Pradesh ).  दिल्ली में 7 साल पहले निर्भया के साथ हुई दरिंदगी में दोषियों को आज सुबह फांसी दे दी गई। निर्भया के दोषियों की फांसी के इन्तजार में निर्भया के गांव में इस बार होली नहीं मनाई गई थी। निर्भया के के दादा ने एशियानेट न्यूज़ हिंदी से बात चीत में बताया कि आज पूरा गांव होली का जश्न मना रहा है। आज लम्बे संघर्ष के बाद निर्भया को ही नहीं बल्कि हमारे पूरे गांव को इंसाफ मिला है। निर्भया के गांव में होली का जश्न शुरू हो गया है। लोग फाग गीतों की धुन पर थिरकने के साथ ही एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली मना रहे हैं।

बता दें कि 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही निर्भया से दरिंदगी हुई थी। उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद बुरी तरह से हैवानियत हुई हुई थी। आरोपियों ने निर्भया के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाल दी थी। उसके दोस्त को भी बुरी तरह मारापीटा गया था। उसके बाद वह दोनों को सूनसान स्थान पर फेंक कर फरार हो गए थे। घटना की जानकारी जैसे ही लोगों को हुई पूरे देश में आक्रोश फ़ैल गया था। पुलिस ने तेजी दिखाते हुए मामले में दोषी 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। उधर निर्भया ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। गिरफ्तार किए गए लोगों में से मुख्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जबकि एक दोषी को नाबालिग होने के कारण 3 साल बालसुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था। बाकी के चार दोषियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। इन चारों को शुक्रवार सुबह दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। चारों दोषियों को फांसी के बाद निर्भया के गांव में जश्न मनाया जाने लगा। इस बार गांव में होली नहीं मनाई गई थी वह आज मनाई जा रही है।

सात साल बाद आया है त्यौहार मनाने का अवसर

निर्भया के दादा ने एशियानेट हिंदी से बात चीत के दौरान बताया कि हमारे गांव में बहुत से लोगों ने इस बार होली नहीं मनाई थी। लोग निर्भया के गुनहगारों की फांसी का इन्तजार कर रहे थे। आज सुबह हमारी बच्ची को न्याय मिला। चारों दोषियों को उनके किए की सजा मिली। आज हम होली जरूर मनांएगे। सात सालों से हमने कोई त्यौहार नहीं मनाया। लेकिन आज न्यायपालिका और सभी शुभचिंतकों के कारण हमारी बच्ची को न्याय मिला है।

कोरोना से भी खतरनाक थे दोषी 
निर्भया के दादा ने बताया दोषियों को मार देना ही सही न्याय था। वह कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक थे। अगर वह समाज में रहते तो न जाने कितनी निर्भया उनकी शिकार होती। वह जहां  दूषित मानसिकता से हजारों घर बर्बाद करते। आज हमारा देश की न्यायपालिका और कानून पर विश्वास और प्रबल हो गया है।

बोले ग्रामीण, आज हमारे गांव को मिला न्याय 
ग्रामीण राजाराम तिवारी ने बताया कि निर्भया के दोषियों को आज  फांसी दी गई। आज में दिसंबर 2012 के बाद जश्न मनाने का दिन आया है। हमने होली भी नहीं मनाई थी। आज हमारे गांव को इन्साफ मिला है। आज पूरे गांव में होली मनाई जाएगी। वहीं गांव के रहने वाले राजेश के मुताबिक पूरे गांव के लिए आज उत्सव का दिन है। हम पूरे गांव के लोग आज होली मना रहे हैं। सात साल बाद हमे खुशी से त्यौहार मनाने का अवसर मिला है।

यह खबर hindi.asianetnews.com  से लिया गया है 

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