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पर्यटन, एविएशन सेक्टर कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित, हर हफ्ते कैंसिल हो रहे हैं लाखों टिकट

नई दिल्ली :  कोरोना वायरस के कोहराम से पूरी दुनिया परेशान है। इससे आर्थिक नुकसान भी बहुत हो रहा है। गुरुवार और शुक्रवार को शेयर बाजार पर इसका असर साफ देखने को मिला, लेकिन कोरोना वायरस ने सिर्फ शेयर बाजार को ही प्रभावित नहीं किया है, बल्कि इसका असर पर्यटन उद्योग और एविएशन सेक्टर पर भी पड़ा है। एक तो ग्राहक खुद ही अपने टूर रद्द कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से वीजा को लेकर बनाई गई तमाम पॉलिसी से भी पर्यटन उद्योग को नुकसान हो रहा है। अमेरिका और भारत समेत कई देशों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।

जिसकी वजह से फॉरेन ट्रिप्स की टिकट्स बड़ी संख्या में कैंसल हो रही है।
हालांकि इंडस्ट्री इंसाइडर्स को इस बात का अंदाजा पहले से ही था लेकिन विदेश यात्राओं के अलावा कोरोना वायरस के डर से लोग घर में रहना ज्यादा सुरक्षित मान रहे हैं और यही वजह है कि इंटरनेशनल फ्लाइट्स के बाद अब लोग डोमेस्टिक फ्लाइट्स को भी बड़ी संख्या में कैंसिल करा रहे हैं। इंडस्ट्री में काम करने वालों का कहना है कि कोरोना की वजह से टिकट कैंसलेशन की दर 20 फीसदी तक बढ़ गई है। जिसका मतलब है कि हर सप्ताह लगभग 150,000 बुकिंग्स को कैंसल किया जा रहा है। आईसीआरए का कहना है कि आम आदमी से ज्यादा ग्लोबल और कार्पोरेट इवेंट्स कैंसल होने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

इंडिगो, जो कि हर सप्ताह लगभग 1.5 मिलियन से अधिक टिकट बेचता है, एक अधिकारी के मुताबिक फ्रेश बुकिंग्स में 20 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है। उन्होंने माना कि हालात बेहद नाजुक हैं जिसकी वजह से कैंसलेशन काफी बड़ी तादाद में हो रहे हैं। स्पाइसजेट के भी कमोबेस ऐसे ही हालात हैं। दोनों ही कंपनियां कस्टमर्स को अट्रैक्ट करने के लिए 987 रुपए तक के टिकट दे रही है लेकिन इतनी सस्ती कीमत पर भी लोग उन्हें खरीदने के लिए तैयार नहीं है। कोरोना वायरस की वजह से विदेशी पर्यटन बाजार पर भी बुरा असर पड़ा है। सीआईआई की पर्यटन समिति ने जब कोरोना वायरस से पर्यटन उद्योग को हुए नुकसान का आकलन किया तो पाया कि अक्टूबर से मार्च के बीच भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या 60-65 फीसदी होती है और भारत को विदेशी पर्यटकों से 28 अरब डॉलर से भी अधिक की कमाई होती है।

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