पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा सदस्य के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मनोनीत किया है। पूर्व सीजेआई ने अयोध्या राम मंदिर समेत कई महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला सुनाया था।
पूर्व सीजीआई रंजन गोगोई ने कई पुराने लंबित मामलों का निपटारा किया था। उन्होंने 161 साल से लंबित अयोध्या के रामजन्म भूमि विवाद का लगातार सुनवाई कर निपटारा किया। असम में कई वर्षो से लंबित एनआरसी को लागू करवाया। राफेल लड़ाकू विमान की खरीद में केंद्र सरकार को क्लीन चिट दी।
President Ram Nath Kovind nominates former Chief Justice of India Ranjan Gogoi to the Rajya Sabha. pic.twitter.com/zCDrFCqdou
— ANI (@ANI) March 16, 2020
तब मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ बोले थे
जस्टिस गोगोई ही थे जिन्होंने 10 जनवरी 2018 को तीन अन्य वरिष्ठ जजों के साथ मिलकर तब के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ संयुक्त प्रेस वार्ता की थी। जजों ने आरोप लगाया था कि जस्टिस मिश्रा न्यायपालिका की स्वयात्तता से खिलवाड़ कर रहे हैं।
पूर्व प्रधान पी. सदाशिवम को नियुक्त किया गया था राज्यपाल
इससे पहले, पूर्व प्रधान न्यायाधीश पलानीस्वामी सदाशिवम को केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। 65 वर्षीय सदाशिवम प्रधान न्यायाधीश रह चुके पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया, जो वरीयता में सीजेआई से नीचे है। वह पहले गैर राजनीतिक व्यक्ति थे, जिनकी नियुक्ति नयी राजग सरकार ने राज्यपाल पद पर की।
राष्ट्रपति ने तत्कालीन केरल की राज्यपाल पद से शीला दीक्षित का इस्तीफा स्वीकार कर लिया और सदाशिवम को राज्यपाल नियुक्त किया गया था।