कांग्रेस के महासचिव और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने शनिवार (14 मार्च) को नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारुक अब्दुल्ला से मुलाकात की। अब्दुल्ला को सात महीने से अधिक समय तक नजरबंद रखने के बाद शुक्रवार (13 मार्च) को रिहा किया गया था।
आजाद ने शनिवार दोपहर को यहां के गुपकर इलाके में अब्दुल्ला के घर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। करीब दो घंटे चली मुलाकात के बाद आजाद ने जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र बहाली के साथ ही सभी राजनेताओं की रिहाई की मांग की। आजाद ने पत्रकारों से कहा, ”पहले और सबसे महत्वपूर्ण, किसी भी राजनीतिक गतिविधि को शुरू करने के लिए जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र बहाल होना चाहिए।”
उन्होंने जनसुरक्षा कानून के तहत नजरबंद पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा सभी नेताओं और व्यक्तियों की रिहाई की मांग की। इसके साथ ही आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश घोषित करना यहां की जनता का अपमान है और उसे वापस राज्य का दर्जा मिले।
#JammuAndKashmir Congress’ Ghulam Nabi Azad: The decision to declare the state of J&K as a Union Territory is an insult to the people of J&K. It must be revoked. J&K should be declared a state again. https://t.co/b09D0QQEUR
— ANI (@ANI) March 14, 2020
आजाद ने कहा, ”लोकतंत्र तब ही बहाल हो सकता है, जब खास प्रावधान के तहत जेलों अथवा गेस्ट हाउस में बंद नेताओं को रिहा किया जाए। जम्मू-कश्मीर के सभी व्यक्तियों को जेल से आजाद होने दीजिए। राजनीतिक गतिविधि शुरू होने दीजिए, पहले लोकतंत्र बचे, फिर हम अन्य लड़ाइयां लड़ते रहेंगे।”