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बसन्त पंचमी: “व्यक्ति की अंतर व बाह्य चेतना परम् सत्ता से संबन्ध: स्वर्णलता

बसन्त पंचमी प्राकृतिक सन्देश

लखनऊ।

लखनऊ ग्रीन सिटी के तत्वावधान में वसंत पंचमी उत्सव का आयोजन विशाल खण्ड 3 गोमतीनगर में किया गया। इस अवसर पर ब्रह्मकुमारी संस्था की बहन स्वर्णलता का प्रवचन हुआ।

उन्होने कहा कि व्यक्ति की अंतर व बाह्य चेतना परम् सत्ता से संबन्ध है। जो प्रत्यक्ष दिखता है,वही पूर्ण सत्य नहीं है। इसके लिए प्रकृति की ओर चलना होगा। प्रकृति से दूर होने से भौतिक सुविधाएं तो बढ़ी है। लेकिन इस कारण जीवन में अनेक समस्याएं उभरी है।

परिवार न्यूक्लियर हो रहे है,लोगों की जीवन शैली तनाव व बीमारियों की बढा रही है। इससे बचने के लिए प्रकृति के निकट जाना पड़ेगा। जीवन शैली में उसी के अनुरूप परिवर्तन करना होगा।उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन की बैलेंस शीट जमा का खाता होता है। हम सभी के जीवन में बहुत महत्व है। जमा खाता के अनुसार ही उपभोग किया जाता है। अर्थात जो जमा किया उसी को खाते है। कुछ श्रेष्ठ कर्म इस जन्म मे या पिछले जन्म मे किया जिसका फल प्राप्त हो रहा है। कर्म और भाग्य का यह अविनाशी चक्र निरंतर चलता रहता है। अपने विचारों में परिवर्तन कर श्रेष्ठ कर्म करना चाहिए। जिससे तन मन धन और संबंधों में सदा के लिए सुख और शांति पूर्ण जीवन रहै। समारोह के संयोजक योगेश गोयल अजीत सिंह व राकेश अग्रवाल थे।

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