
हर किसी ने बचपन जान-बूझकर पानी में हाथ डालकर उंगुलियों के सिकुड़ने वाला खेल खेला होगा। हम अपने हाथों को बहुत देर तक पानी में डुबोकर रखा करते थे, केवल इसलिए ताकि उंगुलियां सिकुड़ जाएं। तब ऐसा करने में काफी मजा आता था, किन्तु ऐसा करते वक्त क्या कभी आपने सोचा था कि पानी में उंगुलियां सिकुड़ती क्यों है।
आपने कई बार देखा होगा कि जब हम बहुत देर तक कपड़े धोते रहते हैं या उंगुलियों को काफी देर तक पानी में रखते हैं तो हाथ और पैरों की उंगुलियां सिकुड़ जाती हैं। ऐसा लगता है जैसे ये हमारे नहीं किसी बुजुर्ग व्यक्ति के हाथ-पांव हों। जबकि कुछ देर बाद हम देखते हैं कि उंगुलियां अपनी सामान्य स्थिति में आ जाती हैं। आज आपको डॉक्टर विनीत अरोड़ा बताएंगे कि ऐसा क्यों होता है…
जानिए क्या है कारण
जब भी हम अपने हाथ की उंगुलियों को पानी में डालकर रखते है तो काफी देर तक पानी के संपर्क में रहने की कारण से हमारी स्किन की परत में पानी चला जाता है, जिसकी कारण से हमारी उंगुलियां पूरी तरह सूज जाती हैं। डॉक्टर बताते है कि उंगलियों का सिकुड़ना एक न्यूरल प्रक्रिया है, जोकि दिमाग से संचालित होता है।
पानी में रहने के वजह हमारी त्वचा के भीतर मौजूद नसें पूरी तरह सिकुड़ जाती हैं। इसकी कारण से खून सही तरह से हाथों में भी नहीं पहुंच पाता। यहीं वजह है कि पानी में काफी देर तक कार्य करने से उंगलियां पूरी तरह सिकुड़ जाती हैं। इसकी एक और वजह डिफ्यूजन भी है।
ये होता है फायदा
पानी में उंगुलियों के सिकुड़ने का एक लाभ भी होता है। जब भी हम सिकुड़ी हुए उंगलियों से कोई गीली चीज उठाते हैं तो वह कतई नहीं फिसलती है। सिकुड़ी हुई उंगली एक ग्रिप की तरह कार्य करती है, जिससे पकड़ बहुत मजबूत होती है। सामान गिरता नहीं है। सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि हमारे हाथ में मौजुुद नर्व्स अच्छा महसूूूस करते हैैं।