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भारत में कोरोना के पॉजिटिव केस का आंकड़ा पहुंचा 206, दुनिया में 10 हजार से अधिक लोगों की हो चुकी है मौत

भारत में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को भी कई नए मरीजों में COVID-19 पॉजिटिव पाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत में अभी कुल 206 पॉजिटिव केस हैं। इनमें से 32 विदेशी नागरिक हैं। वहीं 20 लोगों के पूरी तरह से स्वस्थ होने की बात भी सरकार कह रही है।

भारत में सबसे ज्यादा ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, यहां अभी तक 48 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 44 भारतीय और तीन विदेशी नागरिक शामिल हैं। वहीं, एक की जान भी चली गई। महाराष्ट्र के बाद केरल में 31 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इनमें से 26 भारतीय और दो विदेशी नागरिक हैं।

वहीं, कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को 10,030 हो गई। जबकि कन्फर्म मामलों की कुल संख्या2,44,523 हो गई है। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट ने दशार्या कि चीन केबाहर कोरोना से सबसे बुरी तरह प्रभावित देश इटली में इस बीमारी की वजह से 3,405 लोगों की मौत हो चुकी है।

कोरोना के 81,199 कन्फर्म मामलों के साथ चीन सबसे ऊपर है, इसके बाद 41,035 मामलों के साथ इटली दूसरे स्थान पर है। यूनिवर्सिटी नेअपनी अपडेट रिपोर्ट में बताया कि दुनियाभर में कुल 4,440 लोग बीमारी से ठीक हुए हैं।

चीन में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन कोई नया घरेलू कोरोनावायरस संक्रमण का मामला सामने नहीं आया और दो महीनों में घातक बीमारीके कारण सबसे कम मौतें हुईं। इटली और चीन के अलावा, अन्य बुरी तरह से प्रभावित देशों में ईरान (18,407), स्पेन (18,077), जर्मनी (15,320) और अमेरिका (14,250) हैं। कोरोना से बुरी तरह प्रभावित तीसरा देश ईरान है, जहां 1,284 लोगों की मौत हुई है।

विदेशों से लौटने वालों की जांच और उन्हें पृथक करने का विरोध न करें परिवार: रेड्डी
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने शुक्रवार को अपील की कि लोग कोरोना वायरस वैश्विक महामारी की चपेट में आए देशों से लौट रहे लोगों की जांच करने और उन्हें पृथक रखने के सरकार के फैसले का विरोध नहीं करें। उन्होंने कहा कि यह विरोध करना इस विषाणु को फैलने से रोकने की दिशा में ”उचित नजरिया नहीं है। रेड्डी ने कहा कि कोरोना वायरस प्रभावित देशों से लौट रहे भारतीयों की यहां जांच की जा रही है और उन्हें पृथक किया जा रहा है। हालांकि उनमें से कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। मेरे पास अभिभावकों के फोन कॉल आ रहे हैं जो उनके बच्चों को छोड़े जाने का अनुरोध करते हुए कहते हैं कि वे घर पर उनका ख्याल रखेंगे। यह सही नजरिया नहीं है।

उन्होंने कहा कि हम देश में इस बीमारी का संक्रमण बढ़ने से रोकने के लिए ऐसा कर रहे हैं। मैं सभी अभिभावकों से हमारे इस प्रयास में साथ देने की अपील करता हूं। रेड्डी ने बताया कि देशभर में करीब 69,000 लोगों को घरों में पृथक रखा गया है और सरकार इस प्रकार के कदम उठा रही है क्योंकि भारत घनी आबादी वाला देश है। उन्होंने लोगों से रविवार को सुबह सात से रात नौ बजे तक जनता कर्फ्यू का पालन कर यह दिखाने का भी अनुरोध किया कि वे आगामी दिनों में हर संभावित परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

रेड्डी ने कहा कि दुर्भाग्य से इस बीमारी के उपचार के लिए अभी कोई दवाई नहीं है और इससे निपटने का एकमात्र तरीका इसे फैलने से रोकना है। उन्होंने लोगों से एहतियात बरतने और दूरी बनाए रखने की अपील की। रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकारों से इस बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के बजट का इस्तेमाल करने और राज्य आपदा प्रतिक्रिया फंड का उपयोग करने को कहा गया है।

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