महाराष्ट्र में दो साधु और एक ड्राइवर की भीड़ ने बच्चा चोरी की अफवाह के चलते पुलिस के सामने पीट-पीटकर हत्या कर दी। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है इस घटना के बाद देशभर में लोगों ने महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की है और कहा है कि आखिर इन साधुओं ने क्या बिगाड़ा था कि इन की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। महाराष्ट्र में हुई यह घटना कोई नई नहीं है पूर्व में महाराष्ट्र में कई घटनाएं हो चुकी हैं और उनमें कई निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।वर्तमान समय में भीड़ के द्वारा पीट-पीटकर कर की जा रही हत्याओं की घटना बढ़ती जा रही हैं. शायद ही कोई ऐसा दिन जाता हो जब अखबारों में मॉब लिंचिंग की कोई खबर प्रकाशित ना होती हो।
कहा जाता है कि सोशल मीड़िया या इंटरनेट का उपयोग सही जानकारी, मनोरंजन या अपनी विचारों को अच्छे से रखने के लिए किया जाता है। लेकिन हकीकत यह है कि सोशल मीडिया का उपयोग वर्तमान समय में अफवाह फैलाने के लिए किया जा रहा है।
सोशल मीडिया की सहायता से एक मैसेज फॉरवर्ड कर दिया जाता है और सभी लोग उस पर विश्वास कर लेते हैं. चाहें वह मैसेज बच्चा चोरी के शक में हो, चाहें गोहत्या के शक में हो या चुटिया चोरी के शक में हो। इस तरह की घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए ताकि निर्दोष लोगों की जान न जा सके।
पूजा प्रजापति
पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग
कानपुर, विश्वविद्यालय