लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के तीन वर्ष पूरा होने के मौके पर बुधवार को रिपोर्ट कार्ड पेश किया। इसमें सरकार के महत्वपूर्ण फैसलों से आम जनता को मिले लाभ और उपलब्धियों का ब्योरा दिया गया। ‘वर्ष तीन काम बेहतरीन’ को दर्शाते इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने दोनों उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा की मौजूदगी में कहा कि हम विकास, विश्वास और सुशासन के तीन साल पूरा कर रहे हैं।
सरकार में आने पर हमाने सामने कई चुनौतियां थी। इन चुनौतियों ने हमे जूझने की प्रेरणा दी और उसे उपलब्धियों में बदलने का अवसर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पटरी से उतर चुके विकास कार्यों को पुन: तेज गति से आगे बढ़ाने में सफलता हासिल की है। एक समय लोकतांत्रिक मूल्यों पर आम जनता का विश्वास समाप्त हो रहा था, हम उसे बहाल करते हुए सुशासन के घोषित लक्ष्य की ओर आगे बढ़े रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 2019 के प्रारम्भ में कुम्भ का सफल आयोजन किया और 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने इसका लाभ मिला। 15वां प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया गया। इसने अपने आप में नया मानक निर्धारित किया। उत्तर प्रदेश ने हर क्षेत्र में रिकार्ड बनाए। हमने यहां निवेश की संभावनाओं को बढ़ाया। अब सभी 75 जिलों में बिजली की आपूर्ति होगी, 1.67 लाख गांवों में बिजली पहुंच चुकी है। सरकार ने इंटर स्टेट कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाया है। चार शहरों में मेट्रो सेवाएं चालू हो गई हैं, जबकि दो शहरों में अब भी काम चालू है। पिछले तीन साल में राज्य में एक भी दंगा नहीं हुआ। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश संगठन का भी सहयोग का आभार जताया।
इस मौके पर सरकार की उपलब्धियों को दर्शाते हुए एक लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। खास बात है कि योगी सरकार के तीन वर्ष पूरा होने के मौके पर आज सोशल मीडिया पर ‘दमदार सरकार योगी सरकार’टॉप ट्रेंड हो रहा है।
केन्द्र की योजनाओं में भी उप्र ने लहराया परचम
खास बात है कि योगी सरकार ने न सिर्फ अपने स्तर पर बल्कि केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में भी बीते तीन साल में बेहतर प्रदर्शन किया है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में प्रदेश में अब तक 1.47 करोड़ नि:शुल्क गैस कनेक्शन वितरित किया जा चुका है। इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना में कमजोर और गरीब लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में 3 करोड़ आवास और नगरीय क्षेत्रों में 30 लाख से अधिक आवास निर्मित-स्वीकृत किए जा चुके हैं।
सौभाग्य योजना के तहत 1.24 करोड़ से ज्यादा घरों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन देकर उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। उजाला योजना के तहत 2.60 करोड़ से ज्यादा एलईडी बल्बों का वितरण किया जा चुका है। नमामि गंगे के तहत 15 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, 19 परियोजनाएं निर्माणाधीन तथा 11 परियोजनाएं निविदा प्रक्रिया में हैं। अमृत योजना से उत्तर प्रदेश के 60 हजार शहर अच्छादित किए जा चुके हैं।
अपराध नहीं कानून व्यवस्था का रहा बोलबाला
तीन साल पहले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने अखिलेशराज में प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था को बड़ा मुद्दा बनाया था। तीन साल बाद आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं योगी सरकार में सभी अपराधों का ग्राफ नीचे गिरा है। उच्च न्यायालय, पंजाब ऐण्ड हरिणाया भी यूपी की बेहतर कानून-व्यवस्था का विशेष उल्लेख कर चुका है। राज्य में 2016 की तुलना में 2019 में डकैती में 59.70 प्रतिशत, लूट में 47.09 प्रतिशत, हत्या में 21.71 प्रतिशत और दुष्कर्म में 17.90 प्रतिशत की कमी आई है।
गन्ना किसानों को तीन साल में 1.11 करोड़ा का रिकार्ड भुगतान
किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ देते हुए अब तक 2.4 करोड़ किसानों के खाते में कुल 11,718 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं। 17 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत 13 हजार 600 करोड़ के ऋण की व्यवस्था से कृषि निवेश में भारी वृद्धि हुई है। 4 करोड़ से ज्यादा मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं 1.11 करोड़ किसान क्रेडित कार्ड वितरित किए गए हैं।
तीन सालों में सरकार ने 90 हजार करोड़ रुपये का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान किया है। योगी राज में उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा एथेनॉल आपूर्तिकर्ता भी बना। आज राज्य की उत्पादन क्षमता 126.10 करोड़ लीटर सालाना है।
सिंचाई क्षमता में इजाफा, बुन्देलखण्ड पर दिया ध्यान
प्रदेश में बेहतर सिंचाई व्यवस्था की बात करें तो सरकार ने 46 सालों से लंबित बाण सागर परियोजना सहित पहाड़ी बांध परियोजना, पथरई बांध परियोजना, जमरार बांध परियोजना, मौदहा बांध परियोजना, पहुंज बांध परियोजना, लहचुरा बांध और गुंटा बांध सहित 8 परियोजनाओं को पूरा किया है। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से 2 लाख 16 हजार हेक्टेयर सिंचन क्षमता में वृद्धि हुई है।
इसी तरह बुन्देलखण्ड में 8384 खेत तालाबों का निर्माण, 3869 किमी लंबाई के 523 तटबंधों पर बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य पूरा किया जा चुका है। बाढ़ सुरक्षा की 149 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है। 50 लाख किसान ड्रिप स्प्रिंकलर सिंचाई योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ ही 2,97,477 निशुल्क बोरिंग करते हुए एक लाख 61 हजार 85 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचन क्षमता की वृद्धि हुई है। 15800 सोलर पंप की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
बेसिक शिक्षा में 4.71 करोड़ से अधिक बच्चों का नामांकन
बेसिक शिक्षा में स्कूल चलो अभियान के तहत तीन सालों में 4.71 करोड़ से अधिक बच्चों का नामांकन किया गया। ऑपरेशन कायाकल्य के तहत 1.2 लाख से अधिक विद्यालयों का कायाकल्प किया गया। 731 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय निर्मित एवं 13 विद्यालयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
माध्यमिक, उच्च और व्यवसायिक शिक्षा की बदली तस्वीर
इसके साथ ही माध्यमिक शिक्षा में अध्यापकों के 5987 नवीन पदों का सृजन किया गया है। इसके साथ ही 193 नए इंटर कॉलेज का संचालन और 55 नए इंटर कॉलेजों को स्वीकृति दी गई है। यूपी बोर्ड में नकलवीहीन परीक्षाएं और एनसीआरटी पाठ्यक्रम को लागू किया गया। उच्च शिक्षा में बालिकाओं को स्नातक तक नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई। राज्य में 26 नवीन पॉलीटेक्निक संस्थानों का निर्माण कार्य शुरु हो चुका है। व्यावसायिक शिक्षा के तहत प्रदेश में राजकीय आईटीआई की संख्या 260 से बढ़ाकर 305 की गई है। प्रदेश में राजकीय आईटीआई में 1.72 लाख सीटें उपलब्ध कराई गई है।
इसके साथ ही उप्र समन्वित कौशल विकास नीति प्रख्यापित करने में देश में पहला राज्य बना। 10 लाख से अधिक युवाओं का पंजीकरण 8.48 लाख से अधिक युवा प्रशिक्षित तथा तीन लाख से अधिक युवा सेवायोजित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में 10.56 लाख परिवारों को मिला लाभ
स्वास्थ्य सेक्टर की बात करें तो आयुष्मान योजना में 1.18 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये का चिकित्सा बीमा कवर मिला है। 90 लाख से ज्यादा गोल्डन कार्ड्स बने हैं। इसी तरह 10.56 लाख छूटे हुए परिवार मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के आच्छादित हुए हैं। इसके साथ ही प्रत्येक रविवार को प्रदेश के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री आरोग्य मेला का आयोजन किया जा रहा है।
इंसेफ्लाइटिस से मौत में 90 प्रतिशत की कमी दर्ज
जेई एईएस की रोकथाम के लिए प्रभावी प्रयास से इंसेफ्लाइटिस के मामलों में 75 प्रतिशत व मृत्यु के आंकड़ों में 90 प्रतिशत कमी आई है। गोरखपुर और रायबरेली में एम्स की ओपीडी चालू हो चुकी है। 13 नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना की स्वीकृति दी जा चुकी है। इसके अलावा एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर और मिर्जापुर में 8 नए मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
सरकार ने 250 एडवांस लाइफ सपोर्ट सेवाएं संचालित की। 102 और 108 एंबुलेंस सेवा के तहत 4470 एंबुलेंस संचालित की। प्रदेश में 853 सीएचसी और 3620 पीएचसी संचालित की गई है। 80 नए पीएचसी निर्माणाधीन तथा 105 नए सीएचसी स्वीकृत किए गए हैं।
निवेश के जरिए उप्र को आर्थिक मोर्चे पर बनाया सशक्त
राजधानी लखनऊ में फरवरी 2018 में इंवेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ रुपये के निवेश संबंधी एमओयू साइन हुए। प्रथम ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी एवं द्वितीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी आयोजनों के माध्यम से लगभग 2 करोड़ रुपये के निवेश की 371 परियोजनाएं क्रियान्वित हुई और लगभग 5 लाख लोगों को रोजगार मिला।
इसके साथ ही बुन्देलखण्ड में डिफेंस इंडस्ट्रियल मैन्यूफैक्चरिंग कॉरीडोर का शिलान्यास हो चुका है। 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश से बनने वाले इस कॉरीडोर के जरिए 5 लाख लोगों का रोजगार सृजन होगा। सरकार ने निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से उद्यमियों को 97849 एनओसी जारी की है,इससे पता चलता है कि ये पोर्टल उद्यमियों के लिए कितना कारगर साबित हुआ है।
इसी तरह ओडीओपी सेक्टर में सरकार ने 8,875 करोड़ से अधिक के ऋण वितरित किए। वहीं एमएसएमई सेक्टर में 5 लाख से अधिक उद्यमियों, हस्तशिल्पियों, कारीगरों को 33 हजार करोड़ से अधिक का ऋण वितरित किया है। इसके साथ ही प्रदेश से 01 लाख 14 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात हुआ है। जो विगत वर्षों से 25 करोड़ रुपये से अधिक है।
डिफेंस एक्सपो के विश्वस्तरीय आयोजन से उप्र की साख हुई कायम
देश का सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपो 2020 लखनऊ में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। 71 एमओयू, 13 प्रोडक्ट्स की लॉन्चिंग, 18 तकनीक अंतरण समझौते, 6 महत्वपूर्ण घोषणाओं सहित 100 से अधिक करार हुए हैं। यूपीडा ने डिफेंस कॉरीडोर में निवेश के लिए 23 एमओयू साइन किये। इससे 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और 5 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। डिफेंस एक्सपो 2020 के दौरान 200 से ज्यादा एमओयू साइन किए गए हैं।
पर्यटन की उज्जवल हुई तस्वीर, धार्मिक शहरों को मिली नई पहचान
पर्यटन सेक्टर की बात करें तो योगी सरकार में अब अयोध्या में दीपोत्सव, मथुरा में कृष्णोत्सव, वाराणसी में देव दीपावली तथा बरसाना में रंगोत्सव का आयोजन प्रत्येक वर्ष किया जा रहा है। 133 करोड़ रुपये से अयोध्या का समेकित पर्यटन विकास किया जा रहा है। वाराणसी में सांस्कृतिक केंद्र तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म स्थल बटेश्वर का विकास किया जा रहा है। गोरखपुर के रामगढ़ताल में वाटर स्पोर्ट्स, पीलीभीत टाइगर रिजर्व तथा चन्दौली में देवदरी राजदरी वाटरफॉल का विकास किया गया।
अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन, लगातार दो वर्ष गिनीज बुक आफ वर्ल्ड में रिकॉर्ड बनाया गया। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के विकास के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान करने के साथ ही वाराणसी में क्रूज संचालन हेतु 10.71 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। रामायण सर्किट के अन्तर्गत 69.45 करोड़ रुपये से चित्रकूट एवं श्रृंगवेरपुर का पर्यटन विकास किया जा रहा है। बुद्धिस्ट सर्किट में 99.97 करोड़ रुपये की लागत से श्रावस्ती, कपिलवस्तु एवं कुशीनगर का पर्यटन विकास किया जा रहा है। 39.73 करोड़ रुपये से गोवर्धन (मथुरा) का पर्यटन विकास किया जा रहा है। दुधवा टाईगर रिजर्व तथा पीलीभीत टाईगर रिजर्व स्थलों का विकास किया जा रहा है।
आधारभूत ढांचा किया मजबूत, आर्थिक तरक्की को मिलेगी रफ्तार
राज्य सरकार ने आधारभूत ढांचा मजबूत बनाने की दिशा में भी प्रभावी पहल की है। प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए लगभग 341 किमी. लम्बे 6 लेन चौड़े पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण जारी है। दीपावली 2020 तक इसका लोकार्पण किया जाएगा। इसी तरह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को गोरखपुर से जोड़ने के लिए लगभग 92 किमी. लम्बे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रगति पर है।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के लिए 14 हजार 849 करोड़ रुपये से लगभग 297 किमी. लम्बे बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण काराया जा रहा है, जो बुन्देलखण्ड क्षेत्र को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के माध्यम से दिल्ली से जोड़ेगा। इसके साथ ही मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे बनाने का निर्णय किया गया है। वर्ष 2017 के पहले तक प्रदेश के सिर्फ दो शहर एयर कनेक्टिविटी से जुड़े थे। इस समय 12 नये एयरपोर्टस पर काम चल रहा है।नोएडा में एशिया के सबसे बड़े जेवर इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट पर तेजी के साथ काम चल रहा है।
ये महत्वपूर्ण उपलब्धियां भी रहीं योगी सरकार के नाम
प्रदेश सरकार ने 8.87 लाख से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालय निर्मित कराए हैं। 652 नगर निकाय खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित हुए हैं। नगरों में 62 हजार 818 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण और 652 पिंक शौचालयों का निर्माण विगत तीन सालों में सरकार ने किया है।
महिलाओं एवं बेटियों की सुरक्षा देने के लिए बनाया गया एंटी रोमियो स्क्वॉएड अब तक 1.87 लाख से अधिक स्थानों पर 55 लाख से अधिक व्यक्तियों की चेकिंग कर चुका है। इस कार्रवाई के तहत प्रदेश भर में 3,431 मामले दर्ज किए गए हैं।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत इस बार के बजट में इसके लिए 1200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके तहत प्रदेश की बेटियों को 15 हजार रुपये दिए जाएंगे। 1 अप्रैल 2019 से शुरू हुई इस योजना के तहत 2 लाख 60 हजार से अधिक बालिकाएं लाभान्वित हो चुकी हैं।
तीन तलाक पीड़ित मुस्लिम महिलाओं और परित्यक्ता हिंदू महिलाओं के पुनर्वास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार 6000 हजार रुपये सालाना मदद दे रही है।