नई दिल्ली : हमारे समाज में इन्फर्टिलिटी या बांझपन को महिलाओं से जुड़ी समस्या माना जाता है और बच्चा पैदा नहीं होने की स्थिति में महिलाओं को ही जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की भारत में बांझपन पर एक रिपोर्ट आई है। जिसके अनुसार बांझपन से जुड़े मामलों में करीब 50 प्रतिशत मामले पुरुषों के बांझपन के थे। दुनियाभर में करीब 5 करोड़ से भी ज्यादा कपल्स इन्फर्टिलिटी की समस्या का सामना कर रहे हैं और चाहकर भी बच्चे को जन्म नहीं दे पा रहे। डॉक्टरों के अनुसार करीब 30 साल पहले जहां भारतीय वयस्क पुरुषों का स्पर्म काउंट 60 मिलियन प्रति मिलिलीटर हुआ करती थी, वह अब घटकर 20 मिलियन प्रति मिलिलीटर हो गई है।
इन्फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ ज्योति बाली भी यही मानती हैं कि 29 से 35 साल के एज ग्रुप वाले कपल्स जिन्हें कंसीव करने में दिक्कत आ रही है, उनमें मेल इन्फर्टिलिटी सबसे बड़ा कारण है। इन पुरुषों में या तो स्पर्म काउंट कम होता है, या तो स्पर्म की गतिशीलता सही नहीं होती या फिर कोई और दिक्कत भी हो सकती है।
कई कारण और फैक्टर्स हैं जो पुरुषों के स्पर्म को डैमेज करने का काम करते हैं और इनमें से ज्यादातर लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें जिन्हें आप आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं। कौन से हैं वो कारण यहां जानें। अगर किसी पुरुष का बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) 30 से ज्यादा है तो इसका सीधा असर उस व्यक्ति के स्पर्म की क्वॉलिटी पर पड़ता है क्योंकि शरीर में फैट जमने का सीधा असर सेक्स हॉर्मोन टेस्टोस्टेरॉन और ऐन्ड्रोजेन जैसे हॉर्मोन्स पर पड़ता है। साथ ही मोटापे की वजह से मेटाबॉलिज्म पर भी लोड बढ़ता है और स्पर्म के विकास पर भी। एक बार शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का लेवल कम हो जाए तो सेक्स ड्राइव घट जाती है और इरेक्शन से जुड़ी दिक्कतें आने लगती हैं। लिहाजा अपना वजन कंट्रोल करने और मोटापा घटाने की कोशिश करनी चाहिए।
आप जितना हेल्दी खाना खाएंगे, एक्सर्साइज करेंगे, बॉडी को फिजिकली ऐक्टिव बनाए रखेंगे, स्ट्रेस लेवल को कम करेंगे, अच्छी नींद लेंगे तो इन सबका आपके स्पर्म काउन्ट और क्वालिटी पर असर पड़ेगा। फास्ट फूड, ऑइली और डीप फ्राइड फूड, हर वक्त बैठे रहने की आदत, बेवजह का स्ट्रेस इन सबसे दूरी बना लीजिए।