राष्ट्रीय महिला रचनाकार मंच के तत्वावधान में नव वर्ष के आगमन और 2020 की विदाई के उपलक्ष्य में 30 दिसम्बर से प्रारम्भ किये गये विशेष कार्यक्रम का आयोजन रचना सक्सेना के संयोजन और डा. ऋतन्धरा मिश्रा की अध्यक्षता में तथा चेतना सिंह और रुचि मटरेजा के कुशल संचालन में आज भी सफल रहा।
महिलाओं ने नव वर्ष पर आधारित एक से बढ़कर एक रचनाओं की प्रस्तुति दी जिसमें रचना सक्सेना ने जन जन तन मन से करता अभिनंदन तुम आओ द्वार हमारे… चेतना चितेरी लिखती हैं-हम एक – दूसरे का हाथ थामें उन्नति के पथ पर हम अपने कदम बढ़ाते चलें .. रुचि मटरेजा ने पढ़ा काँटों के बीच मैं मस्त रहता हूँ अपनी सुगंध चहुओर फैलाता हुँ… उर्वशी उपाध्याय प्रेरणा कहती हैं- _नई राह – नई चाह जीवन में नव प्रवाह.. स्नेहा उपाध्याय लिखती हैं-नववर्ष में उत्थान हो सबकी नई पहचान हो.. मधु वैष्णव मान्या लिखती हैं-नववर्ष की सुनहरी भोर जीवन में खुशियां चारों ओर.. नंदिता मनीष सोनी कहती हैं-नव रंग नव तरंग संग नव जीवन.. सौम्या मिश्रा अनुश्री लिखती हैं-जब दिन होगा रातें होंगी… रश्मि लता कहती हैं-नई साल का नया है समां… डॉ रेखा सक्सेना लिखती हैं-नव नव नव वर्ष आना क्या सुंदरा आभास है.. जय मोहन कहती हैं-नववर्ष लाए नवल प्रभात आपके आंगन.. अंकिता यादव लिखती हैं-नूतन वर्ष सबके जीवन में हर्ष और उमंग लाएं.. इंदु जैन इंदु कहती हैं-नव हर्ष नव वर्ष उत्कर्ष मुबारक हो नववर्ष.. किरण मोर लिखती हैं-ट्वन्टी – ट्वन्टी में हुआ कमाल… सीमा निगम कहती हैं-साल 2020 तुमने दिए बहुत टीस… श्रद्धा शुक्ला लिखती हैं-नई राह हो,नई चाह हो काँटे सब हों दूर,नए साल में नवजीवन की,खुशियाँ हों भरपूर|… ममता कानूनगो कहती हैं-नवीन वर्ष का नवप्रभात आज छा रहा.. पढ़कर आयोजन में रंग जमा दिया।