Home / पोस्टमार्टम / रैपिड टेस्ट किट के इस्तेमाल पर रोक, संक्रमितों को भी निगेटिव बताया; टेस्ट एक्यूरेसी 90% होनी चाहिए, इसमें महज 5%

रैपिड टेस्ट किट के इस्तेमाल पर रोक, संक्रमितों को भी निगेटिव बताया; टेस्ट एक्यूरेसी 90% होनी चाहिए, इसमें महज 5%

जयपुर. कोरोना संकट के दौर में एक परेशानी पैदा करने वाली खबर है। राजस्थान में रैपिड टेस्ट किट से टेस्टिंग पर रोक लगा दी गई है। इस किट को कोरोना जांच में फेल पाया गया। रैपिड टेस्ट किट से 1232 लोगों के टेस्ट किए गए। सिर्फ दो लोगों के पॉजिटिव होने के संकेत मिले। टेस्ट के नतीजे कितने सही हैं, यह जानने के लिए संक्रमितों की भी जांच की गई। उनको भी इसने नेगेटिव बता दिया।

अब राज्य सरकार ने  रैपिड टेस्ट किट से जांच पर रोक लगा दी है। इसे लौटाने पर विचार किया जा रहा है। बता दें के राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां रैपिड टेस्ट किट के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई थी।

एक्यूरेसी महज 5 फीसदी: स्वास्थ्य मंत्री

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि रैपिड टेस्टिंग किट का प्रभाव जानने के लिए एक कमेटी बनाई थी। इन किट्स की एक्यूरेसी 90 प्रतिशत होनी चाहिए थी। लेकिन, यह महज 5.4 प्रतिशत ही आ रही है। टेस्टिंग के वक्त तापमान को लेकर जो गाइडलाइन थी, उसका भी पालन किया गया था। इसके बावजूद परिणाम सटीक नहीं हैं। शर्मा के मुताबिक, “विशेषज्ञों की टीम ने सलाह दी है कि इस टेस्टिंग किट के इस्तेमाल से कोई फायदा नहीं है। ऐसे में रैपिड टेस्टिंग किट से जांच रोक दी गई है। अब पहले की तरह पीसीआर से जैसे जांच होगी। इसमें तेजी लाई जाएगी।”

600 रुपए की एक टेस्ट किट

सूत्रों के मुताबिक, जयपुर के एसएमएस अस्पताल में डॉक्टरों ने संक्रमितों की जांच रैपिड टेस्ट किट से की तो केवल 5 फीसदी ही पॉजिटिव पाए गए। ऐसे में पीसीआर जांच को ही सबसे अच्छा विकल्प माना गया। गौरतलब है कि 17 अप्रैल को जयपुर में पहली बार रैपिड टेस्ट किट से जांच की गई थी। प्रदेश को अब तक 40 हजार रैपिड किट मिल चुकी हैं। कुल एक लाख किट मंगाए गए थे। एक किट की कीमत करीब 600 रुपए बताई जा रही है।

रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट पर आईसीएमआर करेगी फैसला

सोमवार को मुख्यमंत्री ने कहा था कि रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देशों के तहत ही किए जा रहे हैं। इसके लिए टेस्ट किट की खरीद भी आईसीएमआर की स्वीकृति के बाद ही की गई है। वहीं,  रघु शर्मा ने बताया कि किट की रिजल्ट क्वॉलिटी के बारे में आईसीएमआर को जानकारी दी गई है।

Check Also

“कदम्ब एक औषधीय वृक्ष है, बहेड़ा-पीपल- देवदारु-ताल-तिलक और तमाल भी वृक्ष हैं”

“रामायण में वर्णित पेड़ पौधों के सामाजिक सरोकार” भाग – तीन प्रबोध राज चन्दोल  संस्थापक, ...