नोएडा से 22 लोगों का काफिला बाइक से बिहार के लिए निकल पड़ा। सफर लम्बा। आगरा एक्सप्रेस वे पर एक बाइक रपट गई। बिजली के मैकेनिक तनवीर अन्सारी का पैर दो जगह टूट गया। एक स्थानीय डॉक्टर से रास्ते में कच्चा प्लास्टर बंधवाया और फिर निकल पड़े। इस काफिले में महिलाएं और बच्चे भी हैं। शहीद पथ के पास फुटपाथ किनारे हरियाली दिखी तो लाइन से बाइक खड़ी कर सभी लेट गए। यह संवाददाता जब पहुंचा तो जो जिस स्थिति में लेटा था गहरी नींद में सो रहा था।
दिल्ली, हरियाणा, नोएडा में काम न मिलने के कारण पलायन करने वालों को जो सहारा मिला उसकी मदद से निकल गए। इसी काफिले की सोनी खातून ने बताया कि बच्चों के खाने तक को कुछ नहीं था। रुक कर करते भी तो क्या। ये सभी नोएडा सेक्टर नौ और आसपास के श्रमिक हैं। इनमें से एक साकिब अन्सारी ने बताया कि उन लोगों को बिहार के अररिया जाना है। बाइक से बच्चों और महिलाओं के साथ सामान लेकर 1300 किलोमीटर का सफर कैसे तय होगा किसी ने नहीं सोचा। अररिया बिहार के आखिरी छोर पर पश्चिम बंगाल और नेपाल की सीमा से सटा है। साकिब ने बताया कि चलते चलते पीठ दुखने लगी। हाथ सुन्न हो गए। लखनऊ पहुंचने के बाद जगह जगह कुछ स्वंय सेवकों ने खाना और पानी दिया। इससे इतनी राहत मिली कि सभी को नींद आने लगी। शहीद पथ के किनारे घास की पट्टी देखकर रहा नहीं गया और सो गए।
अपार्टमेंट मालिक ने भगा दिया
छत्तीसगढ़ के 30 श्रमिक फैजाबाद रोड किनारे बीबीडी के आगे एक अपार्टमेंट में काम कर रहे थे। यहीं पर गुजर बसर भी थी। एक दिन पहले अपार्टमेंट के मालिक ने इन सभी को बाहर निकलने को कहा। सर पर गठरी लिए महिलाएं और बच्चे निकल पड़े। कहां जाएं कुछ पता नहीं। किसी ने बताया कि कृष्णानगर में गरीबों की बस्ती है शायद जगह मिल जाए तो पैदल चल दिए। इनमें से एक हेमंत ने बताया कि उनके पास खाने पीने को कुछ नहीं है। साथ चल रही महिलाएं सिसक रही थीं।