लाॅकडाउन का पालन कराने के लिए पुलिस द्वारा लोगों के साथ सख्ती से पेश आने के तमाम मामलों के बीच संभल जनपद में पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है। लाकडाउन के दौरान संभल की सुनसान सड़क पर मासूम को बिलखता देखा तो जनपद के पुलिस कप्तान खुद को रोक नहीं पाये और झट से बच्चे को गोद में उठाकर दिलासा देते हुए गले से लगा लिया। बाद में पुलिस ने इस बच्चे के परिजनों को खोजकर बच्चा उनके हवाले किया।
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद संभल सदर कोतवाली इलाके में लाकडाउन के पालन का जायजा लेने के लिए अधीनस्थों के साथ पैदल भ्रमण कर रहे थे। पुलिस की सख्ती की वजह से शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा था। पुलिस अधीक्षक मुख्य बाजार में पहुंचे तो सुनसान सड़क पर एक तीन चार साल का मासूम बीच सड़क पर खड़ा बिखलता दिखाई दिया। पुलिस अधीक्षक ने रुककर इस बच्चे से पूछा कि वह कहां का रहने वाला है और क्यों रो रहा है,लेकिन पुलिस को देखकर और बच्चा और भी ज्यादा जोर से रोने लगा। इस पर पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने मासूम को गोद में उठाकर गले से लगा लिया। पुलिस अधीक्षक का यह अपनत्व भाव देखकर मासूम चुप हो गया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक बच्चे को कोतवाली में लेकर आये। इस बच्चे के हाथ पैरों को सेनेटाइज किया गया और इसे मास्क पहनाया गया।
परिजनों के हवाले किया मासूम
। पुलिस से अपनापन पाकर मासूम की आंख के आंसू सूखे और वह सहज हुआ तो उससे उसके पिता का नाम पूछा गया। इसके बाद जिस इलाके में बच्चा मिला था उसके आसपास उसके परिजनों को खोजा गया। कोतवाली में अपने बच्चे को सुरक्षित देख परिजनों ने राहत की सांस ली। पिता ने बताया कि वह घर मे सो रहे थे। इसी दौरान बच्चा घर के दरवाजे से बाहर निकल आया। जब नींद खुली तो वह घर में नहीं था। पुलिस ने पड़ताल के बाद मासूम बच्चे को पिता की सुपुर्दगी में दे दिया।