
लॉकडाउन के बाद अपनी मंजिल के लिए पैदल निकले लोगों के घर पहुंचने का सिलसिला अभी जारी है। मंगलवार को पीपीगंज में पहुंचा एक युवक इस कदर बेसुध हो गया था कि वह बोल भी नहीं पा रहा था। उसकी हालत देखकर पुलिसवालों ने उसे पानी पिलाया और खाना खिलाया उसके बाद उसने बताया कि आठ दिन से भूखा था। युवक ने बताया कि वह गोरखपुर के धर्मशाला बाजार का रहने वाला है उसका नाम इमरान है।
दिल्ली में रह कर सिलाई का काम करता था लॉकडाउन के बाद उसके मालिक ने न तो पैसा दिया और न ही खाने-पीने की ही व्यवस्था की। इसके बाद वह दिल्ली से रेल की पटरी पकड़कर बीते सोमवार को गोरखपुर के लिए निकल पड़ा। बिना खाना खाए सिर्फ पानी के सहारे वह आठवें दिन पीपीगंज पहुंचा। इमरान ने बताया कि रात होने पर किसी स्टेशन पर सो जाता और सुबह होते ही फिर चलने लगता था।
गोंडा से उसने पीपीगंज से गोरखपुर जाने वाला रेलवे रूट पकड़ लिया था। पीपीगंज पहुंचने पर उसकी आवाज तक नहीं निकल रही थी वह थककर चूर था ऊपर से भूख-प्यास से परेशान था। उसके पैर सूज गए थे। तलवों में छाले पड़ गए थे। चौकी इंचार्ज विनोद कुमार ने युवक को पहले चाय बिस्कुट फिर थाने की मेस से खाना मंगा कर खिलाया और शहर जाने वाली पिकअप से बैठा कर गोरखपुर के लिए भेज दिया।