Home / पोस्टमार्टम / वन-धन से हो रही हरियाली के साथ आर्थिक उन्नति की राह सषक्त

वन-धन से हो रही हरियाली के साथ आर्थिक उन्नति की राह सषक्त

सूरजपुर :  समग्र विकास की अवधारणा को साकार करने के लिए वन-धन केन्द्र के माध्यम से दूरस्थ अंचल के गांव हो या मैदानी क्षेत्र के गांव, यहां के रहवासियों को रोजगार के अवसरों से सीधा लाभ प्राप्त हो इसके लिए चरणबद्ध रुप से कार्ययोजना का संचालन जिले के कलेक्टर दीपक सोनी एवं वन मण्डलाधिकारी जे0आर0 भगत के संयुक्त नेतृत्व में क्रियान्वित किया जा रहा है।  ग्राम सत्यनगर में 18 दिसम्बर से वन विभाग एवं आजीविका मिशन के तहत बांस प्रसंस्करण के माध्यम से बांस ट्री गार्ड बनाने का प्रशिक्षण देने की शुरुआत की गई । आज 5 हजार से अधिक ट्री गार्ड विभिन्न गांव की महिलाएं तैयार कर चुकी है।

इससे उन्हें गांव में ही रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहा है। जिससे पौध रोपण के पश्चचात पूर्व में सुरक्षा दृष्टि से होने वाली क्षति भी काफी कम होगी और वन क्षेत्र रकबा का विस्तार होगा।

हाटबाजारों से वनोपज संग्रहण कर तैयार होंगे विविध उत्पाद- वन-धन आजीविका के मिशन को वृहद रूप में मुर्त आकार देते हुए जिले में विकास केन्द्र एवं संग्रहण केन्द्र के रुप में वनाच्छादित क्षेत्रों में सहज उपलब्ध विभिन्न 44 प्रजातियों के वनोपज संग्रहण कर वन धन विकास केन्द्र के रूप में प्राथमिक प्रसंकरण ईकाई ग्राम पंचायत अभयपुर में महुआ प्रसंस्करण, जामुन बीज पाउडर, बहेडा पाउडर, ग्राम पंचायत छिन्दिया में इमली प्रसंस्करण, ग्राम पंचायत केतका में चिरौंजी गुठली, हर्रा पाउडर, ग्राम पंचायत घुई में बहेड़ा चुर्ण प्रसंस्करण, बिहारपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत नवगई में कांटाझाडू, लाख प्रसंस्करण, ग्राम पंचायत मोहरसोप में कांटाझाडु निर्माण, ग्राम पंचायत लांजित में इमली प्रसंस्करण, ग्राम पंचायत मोरभंज में माहुलपत्ता प्रसंस्करण, ग्राम पंचायत ओड़गी में दोनापत्तल निर्माण, साल बीज प्रसंस्करण, प्रतापपुर क्षेत्र के ग्राम पार्वतीपुर में लड्डू प्रसंस्करण, कांटा झाडु निर्माण का कार्य महिला ग्राम संगठन की सदस्यों के द्वारा हाट बाजारों से खरीदकर प्रसंस्करण केन्द्र में इन्हें तैयार कर उत्पादों की बिक्री से आर्थिक लाभ अर्जित कर आर्थिक असमानताओं को दुर करने के दिशा में अग्रसर हैं।

इसके अतिरिक्त मैदानी क्षेत्रों में वन-धन केन्द्र सूरजपुर विकासखंड में  प्रसंस्करण ईकाई के रूप में आचार, पापड़, चिक्की, मशरूम, मसाला सहित विविध उत्पाद स्थानीय स्तर पर वृहद रूप से उत्पादन कर पूर्व की अपेक्षा अधिक मात्रा में होने से आर्थिक उन्नति की राह सशक्त हुई है।

Check Also

लोकसभा चुनाव 2024 : अब तो बस जनता के फैसले का इंतजार!

लोकसभा चुनाव 2024 : अब तो बस जनता के फैसले का इंतजार! स्नेह मधुर आज ...