सब लोग जवान होते हैं। उम्र की इस नई दहलीज पर पहुंचने पर शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं और फिर सिलसिला शुरू होता है इनकी मांगों की पूर्ति का। हर व्यक्ति हर उम्र में प्यार का भूखा होता है लेकिन युवावस्था कि भूख कुछ ज्यादा होने के साथ इसमें विविधता की भी दरकार होती है।
युवावस्था का प्यार एक ऐसी चीज है जो कभी भी किसी से हो जाता है। इस पर न तो उसका बस चलता है और न ही सामने वाले का कोई वश! बस हो ही जाता है प्यार। कुंवारे ही कुंवारों को तलाशते हैं लेकिन कई बार ऐसा भी हो जाता है कि या तो लड़की शादीशुदा निकल जाती है या आदमी शादीशुदा निकल जाता है। ऐसे केस में जो कुंवारे होते हैं, उसकी लाइफ में तो दहशत सी मच जाती है।
ऐसी स्थिति में वह बहुत अकेला पड़ जाता है और सोच-सोचकर काफी परेशान हो जाता है कि जिससे उसने प्यार किया, वह पहले से ही शादीशुदा है, उसे यह पता आज तक बताया क्यों नहीं? क्यों छिपाया?
यदि लड़की शादीशुदा है तो इसका परिणाम और भी भयंकर हो सकता है। इस रिश्ते की भी कोई गारंटी नहीं है क्योंकि जो शादीशुदा औरत अपने पति को छोड़ कर किसी और के पास आ सकती है, वह कल को उसे भी छोड़कर किसी और के पास भी जा सकती है।
ज्यादातर केस में ये रिश्ते टूट ही जाते है क्योंकि लडकियां अक्सर अपने परिवार को छोडकर रेड जोन में जाने का रिस्क भी नहीं लेती हैं और ऐसे मे सामने वाले का दिल आखिर में टूटता ही टूटता है।
विवाहेत्तर सम्बन्ध की कोई गारंटी नहीं होती है क्योंकि वह जो अपनी पत्नी से संतुष्ट नहीं हो कर आपके पास आया है, कल को वह आपसे असंतुष्ट होकर किसी और के पास भी जा सकता है। यह खतरा हमेशा सिर पर मंडराता रहेगा। इसलिए ऐसे संबंधों की स्थिति में हमेशा सतर्क रहें, दूर भी रहें। ऐसे सम्बन्ध बनाना आग से खेलने के समान है।